यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक बार फिर से यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर हैं। ​अखिलेश यादव ने ट्वीट करके योगी सरकार पर पूर्ववर्ती समाजवादी सरकार के कामों को अपना बताने का आरोप लगाया है। अखिलेश यादव की ये प्रतिक्रिया उन खबरों के बीच आई है, जिनमें ये कहा गया था कि योगी आदित्यनाथ सरकार पूर्ववर्ती समाजवादी सरकार के द्वारा बांटे गए लैपटॉप के वॉलपेपर को बदलने जा रही है। अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा,” अभी तक तो हमारे कामों को अपना बताकर उद्घाटन करते थे, रंग बदलते थे, अब हमारे द्वारा दिये गये लैपटॉप पर हमारी तस्वीरें बदल रहे हैं। बदलनी है तो आज भाजपा के शासनकाल में प्रदेश की जो दुर्गत हुई है, उस बदहाली की तस्वीर बदलें। इस बार जनता विकास-विरोधी प्रतिगामी भाजपा को ही बदल देगी।”

दरअसल कई मीडिया रिपोर्टों में ये दावा किया गया था कि योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के सभी जिलों से कथित तौर पर समाजवादी लैपटॉप को वापस मंगवा रही है। इन्हें लैपटॉप के सप्लायर को वापस किया जाएगा और सेटिंग्स अपडेट करवाई जाएंगी। ये भी कहा जा रहा है कि समाजवादी लैपटॉप के वॉलपेपर से पूर्व सीएम अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह की तस्वीरें हटा दी जाएंगी। इसकी जगह सीएम योगी आदित्यनाथ, पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी की तस्वीरें लगाई जाएंगी। ये लैपटॉप अखिलेश यादव की सरकार के वक्त खरीदे गए थे। बीजेपी सरकार आने के बाद अभी तक ये गोदामों में धूल फांक रहे थे।

कुछ अधिकारियों ने गोपनीयता की शर्त पर मीडिया को बताया है कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने माध्यमिक शिक्षा विभाग से पूरे प्रदेश में रखे लैपटॉप की जानकारी तलब की थी। जानकारी आने के बाद एचपी सेल्स प्राइवेट लिमिटेड और आपूर्तिकर्ता को लैपटॉप वापस करने को कहा गया था। दावा किया गया कि पूरे प्रदेश से करीब 8,958 लैपटॉप आपूर्तिकर्ता को वापस किए गए हैं।

बता दें कि समाजवादी सरकार के बांटे हुए लैपटॉप की ये विशेषता है कि उसकी स्क्रीन का वॉलपेपर बदला नहीं जा सकता है। वॉलपेपर में ​तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ ही उनके पिता मुलायम सिंह यादव की तस्वीर लगी हुई थी। अगर कोई ये वॉलपेपर हटाने या सिस्टम को फॉर्मेट करने की कोशिश करता है तो सिस्टम करप्ट हो जाता है। ये कहा जा रहा है कि इसीलिए सरकार साल 2019 से पहले इन लैपटॉप से अखिलेश और मुलायम की तस्वीरों को हटाना चाहती है।