ताजमहल की दीदार पर अड़े परमहंसाचार्य को पुलिस ने वहां जाने से रोक दिया है। पुलिस ने जिस तरह से उन्हें रोका वो और भी दिलचस्प है। दरअसल परमहंसाचार्य ने ऐलान किया था कि पांच मई को ताजमहल का दीदार करेंगे। फिर उन्होंने कहा कि मंगलवार को अक्षय तृतीया के दिन ताजमहल, जिसे वो शिवालय या तेजोमहालय मानते हैं, जाएंगे। इस घोषणा के बाद पहले तो वो रथ से निकले और इसका एक वीडियो भी जारी किया।
पुलिस ने कैसे रोका- जब परमहंसाचार्य होटल से निकले तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया और गाड़ी से उतरने को कहा, लेकिन परमहंसाचार्य नहीं उतरे। इसके बाद पुलिस ने कहा कि जिस गाड़ी वो बैठा रहे हैं, वो गाड़ी वीएचपी के एक पदाधिकारी की है और वही ताज लेकर जाएगी। इसके बाद परमहंसाचार्य जब उस गाड़ी में बैठे तो पुलिस उन्हें ताज ले जाने के बजाय कहीं और लेकर चली गई।
अनशन की धमकी- पुलिस द्वारा रोके जाने पर परमहंसाचार्य ने कहा कि प्रशासन गलत कर रहा है। हम भगवा पहने हुए हैं इसलिए रोका जा रहा है। ताजमहल एक शिवालय है, वहां बहुत प्राचीन शिवलिंग है। प्रशासन वहां खोदकर देख ले, शिवलिंग मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस ने उन्हें नहीं जाने दिया तो वो अनशन करेंगे।
किया गया था आमंत्रित– अचार्य परमहंस ने कहा कि एक नेशनल टीवी पर उन्हें ताजमहल आने के लिए निमंत्रण दिया गया था। ये निमंत्रण उन्हें आर्कियोलॉजिकल सुपरिटेंडेंट आगरा सर्किल ने दिया था। उन्होंने कहा कि बाकि लोग ताजमहल जा रहे हैं लेकिन सिर्फ उन्हें रोका जा रहा है। ये संतों का अपमान है।
क्या किया था ऐलान- कुछ दिन पहले अचार्य परमहंस ने ऐलान किया था कि वो ताजमहल जाएंगे और शिवलिंग की स्थापना करेंगे। इस घोषणा के बाद पुलिस ने ताजमहल के आस-पास की सुरक्षा बढ़ा दी। परमहंसाचार्य पहले भी ताजमहज में एंट्री की कोशिश कर चुके हैं, तब भी उन्हें पुलिस ने रोक दिया था।