कोरोना के कम होते मामलों को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने रैलियों और जनसभाओं में और ज्यादा रियायत दी है। निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों की बैठकों, रैलियों, रोड शो के लिए 50% क्षमता की पाबंदी को अब हटा दिया है। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नए निर्देशों के मुताबिक, ज़िला अधिकारियों की पूर्व अनुमति और एसडीएमए नियमों के अधीन रोड शो की अनुमति दी जाएगी। चुनाव प्रचार से संबंधित अन्य मौजूदा प्रावधान जारी रहेंगे।
चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा के दौरान सभी राजनीतिक पार्टियों पर प्रतिबंध लगाया था कि वे किसी भी तरह की रैली, रोड शो या नुक्कड़ सभा नहीं कर पायेंगे। हालांकि, देश में जैसे-जैसे कोरोना के मामले घटते गए हैं, चुनाव आयोग ने समय-समय पर इनमें ढील दी है।
चुनाव आयोग ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत, अब तक राजनीतिक दलों को 50 फीसदी क्षमता के साथ चुनावी रैली और जनसभा करने की इजाजत दी थी। हालांकि, मंगलवार को जारी नए निर्देश के मुताबिक, इस पाबंदी को हटा लिया गया है। राजनीतिक दल अब पूरी क्षमता के साथ रैली और जनसभा का आयोजन कर सकते हैं।
नए निर्देशों के बाद राजनीतिक दल किसी भी मैदान या स्टेडियम में उसकी पूरी क्षमता के साथ रैलियों और जनसभाओं को आयोजन कर सकते हैं। बता दें कि पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है।
यूपी में बुधवार को चौथे चरण के लिए मतदान
उत्तर प्रदेश में बुधवार को विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए मतदान होगा, जिसके तहत 9 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। जिन 9 जिलों में 23 फरवरी को मतदान होना है, उनमें पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर और बांदा शामिल हैं। वहीं, मणिपुर में विधानसभा के चुनाव दो चरणों में होने हैं। पहले चरण में 28 फरवरी और दूसरे चरण में 5 मार्च को मणिपुर में मतदान होगा। मणिपुर में कुल 60 सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा। यहां 9.85 लाख पुरुष और 10.49 लाख महिला मतदाता हैं।