UP Bridges Survey: बिहार में पुलों के ढहने की खबरों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में पुलों को लेकर सजग हो गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए यूपी की योगी सरकार ने सूबे में खासकर 50 साल से ज्यादा पुराने पुलों के सर्वे कराने का आदेश दिया है। ताकि भारी बारिश की स्थिति में किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) यह कार्य सौंपा गया है। विभाग ने अब तक 700 से अधिक पुराने पुलों का सर्वे किया है, जिनमें से लगभग 80 पुलों को अनुपयुक्त पाया गया है या फिर उन्हें बड़ी मरम्मत की जरूरत है।
अधिकारियों ने बताया कि सर्वे अभी भी चल रहा है और अंतिम रिपोर्ट अगले सप्ताह तक तैयार होने की संभावना है, जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि किन पुलों की मरम्मत की जाएगी या उन्हें ध्वस्त किया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग के राज्य मंत्री बृजेश सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “पड़ोसी राज्य बिहार में पुलों के ढहने की हालिया घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमें उत्तर प्रदेश में पुराने पुलों का गहन निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। इसका उद्देश्य उन पुलों की पहचान करना है जिनकी मरम्मत की जा सकती है या जिन्हें तोड़ा जाना है। “
इन पुलों की सिर्फ “अधिरचना” ही नहीं बल्कि उन खंभों की भी जांच की जा रही है जिन पर वे खड़े हैं। यह भी जांच की जा रही है कि कहीं उनके जलमार्गों में कोई रुकावट तो नहीं है, जिससे भारी बारिश के दौरान पानी रुक सकता है और आगे चलकर नुकसान, घिसाव, आधार आदि हो सकता है, ऐसा पता चला है।
पीडब्ल्यूडी सभी पुलों का ऑनलाइन डाटा भी तैयार करेगा, जिसमें उनके निर्माण, रखरखाव तथा आवश्यक मरम्मत का विवरण होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “निरीक्षण के दौरान असुरक्षित पाए गए पुलों को यातायात के लिए बंद कर दिया जाएगा, जबकि मरम्मत की आवश्यकता वाले पुलों पर आवश्यक काम किया जाएगा।
राज्य में बड़ी संख्या में पुल हैं जो ब्रिटिश काल के दौरान बनाए गए थे, जिनमें राज्य की राजधानी लखनऊ , पड़ोसी शहर कानपुर और अन्य जिले शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर वे सलाह और भविष्य की योजना के लिए विशेष रूप से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से विशेषज्ञों को शामिल करने पर भी विचार कर रहे हैं।