उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साल सीएए-एनआरसी कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा फैलाने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की शुरुआत कर दी है। जहां कई लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, वहीं हिंसा फैलाकर फरार हुए आरोपियों को पकड़ने के लिए अब योगी आदित्यनाथ सरकार ने नकद ईनाम का ऐलान किया है। बताया गया है कि शासन ने हिंसा फैलाने के 14 लोगों को फरार घोषित किया है।

बता दें कि लखनऊ में CAA-NRC कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़काने के आठ आरोपियों के घर के बाहर पुलिस ने बुधवार को नोटिस लगा दिए थे। पुलिस का कहना था कि जिन लोगों के घर के बाहर नोटिस लगाए गए हैं, उन पर यूपी गैंगस्टर एक्ट और UAPA एक्ट के तहत केस दर्ज हैं। यह सभी लोग केस दर्ज होने के बाद से ही फरार हैं। पुलिस ने बताया था कि विभाग सीआरपीसी के नियमों के तहत कोर्ट जाकर इनकी संपत्ति जब्त करने की मांग करेंगे।

लखनऊ में पिछले साल दिसंबर में सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। इसमें प्रदर्शनकारियों ने ठाकुरगंज स्थित चौकी को आग लगा दी थी। बाद में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 40 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें कई सामाजिक कार्यकर्ता और एक रिटायर्ड आईपीएस अफसर भी शामिल थे। बताया गया है कि इनमें से कई लोग पहले ही जमानत ले चुके हैं, जबकि कई अन्य गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं।

इसी साल मार्च में लखनऊ पुलिस ने हिंसा के आरोपियों की तस्वीरों वाले होर्डिंग कई जगहों पर लगा दिए थे। हालांकि, तब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी शासन को फटकार लगाते हुए इसे निजता के हनन का मामला बता दिया था। बाद में योगी सरकार ने इन होर्डिंग्स को उतरवाया था। जिले में कई पुलिस स्टेशनों में सैकड़ों लोगों के खिलाफ हिंसा में शामिल होने के मामले दर्ज हैं।