उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक सोसाइटी ने ड्रेस कोड लागू कर सोसाइटी परिसर में नाइटी और लुंगी पर प्रतिबंध लगा दिया है। ग्रेटर नोएडा की इस रेसिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष ने इस फैसले सही ठहराया है। सोसाइटी की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव की ओर से एक नोटिस जारी किया गया है जिसमें लिखा गया है कि सोसाइटी के प्रांगण में विचरण करते समय कपड़े पहनने का ख्याल रखें। दूसरे लोगों को असहज महसूस न हो और कोई आपके ऊपर सवाल खड़े न करे।

सोसाइटी परिसर में लुंगी और नाइटी पर बैन

आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सीके कालरा ने इस फैसले पर कहा, “यह समाज द्वारा लिया गया एक अच्छा फैसला है और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए, विरोध करने की कोई बात नहीं है। अगर महिलाएं नाइटी पहनती हैं और घूमती हैं तो यह पुरुषों के लिए असहज होगा और अगर पुरुष लुंगी पहनेंगे तो महिलाओं के लिए भी असहज होगा इसलिए हमें एक-दूसरे का सम्मान करने की जरूरत है।”

सोसाइटी के सचिव ने जारी किया नोटिस

यह ड्रेस कोड ग्रेटर नोएडा के सेक्टर P-4 की सहकारी आवास समिति ने लागू किया है। इसे हिमसागर अपार्टमेंट भी कहते हैं। हिमसागर अपार्टमेंट के सचिव हरिप्रकाश की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि सभी निवासी यहां के सदस्य हैं। आप सभी से अपेक्षा की जाती है कि जब कभी सोसाइटी में विचरण करें तो अपने आचरण और पहनावे पर विशेष ध्यान रखें। अपने व्यवहार से किसी को आपत्ति जताने का मौका न दें।

नोटिस में आगे लिखा गया है कि बड़ों के पहनावे से ही छोटे बच्चे सीख लेते हैं। आपके बालक और बालिका भी आपसे सीखते हैं। ऐसे में सभी से अनुरोध है कि लुंगी और नाइटी घर का पहनावा हैं, इन्हें घर से बाहर नहीं पहनना चाहिए। लिहाजा लुंगी और नाइटी पहनकर सोसाइटी में विचरण नहीं करें।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ नोटिस

सोसाइटी के अध्यक्ष सीके कालरा ने कहा, ”हमें सोसाइटी के कुछ लोगों के द्वारा शिकायत मिली थी, जिसमें उन लोगों ने कहा था कि कुछ लोग पार्क में ऐसे कपड़े पहन कर घूमते हैं जिससे हम असहज महसूस करते हैं। सोसाइटी के लोगों की शिकायत के बाद ही हमने यह नोटिस 10 जून को जारी किया था। हमने किसी की भावनाओं को आहत नहीं किया है और ना ही किसी तरह के पहनावे पर रोक लगाई है। हमने सिर्फ लोगों से यह आग्रह किया है कि इस तरह के कपड़े पहनकर पार्क में न घूमे कि जिससे दूसरे लोग असहज महसूस करें।”

सोसाइटी अध्यक्ष ने कहा, “आज हमने एक और नोटिस जारी किया है जिसमें हमने साफ-साफ लिखा है कि किसी को भी उसके लिए बाध्य नहीं किया गया है और ना ही किसी के ऊपर थोपा गया है। किसी की भावना को आहत करने का कोई उद्देश नहीं था।” यह नोटिस 10 जून को जारी किया गया था जिसके बाद 13 जून को किसी ने नोटिस सोशल मीडिया पर डाल दी। सोशल मीडिया पर आते ही नोटिस वायरल हो गई।

सोसाइटी निवासियों की रजामंदी से जारी किया सर्कुलर

विवाद बढ़ता देख आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष सीके कालरा ने सोसाइटी में ड्रेस कोड को लेकर अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि कुछ महिला निवासियों की शिकायतें मिलने के बाद उन्होंने निवासियों से इन दिशा-निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया है। सीके कालरा ने कहा कि महिलाओं की शिकायत पर पहले तो हमने लोगों से मौखिक रूप से अनुरोध करने की कोशिश की, फिर हमारे एसोसिएशन ने इसे सर्कुलर के रूप में लगाने का फैसला किया। सीके कालरा ने कहा कि यह आरडब्ल्यूए ने अपने मन से लागू नहीं किया है। सोसाइटी निवासियों की रजामंदी से इसे लागू किया गया है।