अजीत सिंह की पार्टी,राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के साथ गठजोड़ की अटकलों के बीच उत्तरप्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार (15 मई) प्रदेश विधानसभा चुनाव में ऐसे किसी भी गठबंधन की संभावना से इनकार किया और कहा कि उनकी पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और दो तिहाई बहुमत प्राप्त करेगी। मौर्य की इस टिप्पणी को उस समय काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जब ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि भाजपा प्रदेश में सपा और बसपा विरोधी मतों को एकजुट करने के लिए जाट नेता के साथ गठजोड़ कर सकती है। मौर्य प्रदेश में पार्टी के चुनाव की रणनीति पर चर्चा के लिए दिल्ली आए हुए थे। उन्होंने सुझाव दिया कि जो दल भाजपा को समर्थन देना चाहते हैं, वे पार्टी के चुनाव चिन्ह कमल पर चुनाव लड़ सकते हैं।
मौर्य ने कहा, ‘हमें किसी गठबंधन की जरूरत नहीं है। हम अपने दम पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हम बिना किसी गठबंधन के भारी बहुमत से सत्ता में आएंगे।’ उत्तरप्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘लोकसभा चुनाव के दौरान 80 में से 73 सीटों पर कमल खिला था। और मैं अब देख रहा हूं कि विधानसभा चुनाव में भाजपा को 265 से अधिक सीटें मिलने जा रही है। यह कोई बयान नहीं बल्कि हकीकत है। लोग सपा और बसपा से ऊब गए हैं और उनके समक्ष भाजपा के रूप में मजबूत विकल्प है। कांग्रेस कहीं भी मैदान में नहीं है।’ अजीत सिंह को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अपने साथ लाने का प्रयास कर रहे हैं और चाहते हैं कि रालोद का जदयू में विलय हो जाए। लेकिन समझा जाता है कि इस बारे में बातचीत रुक गई है।
कुछ रिपोर्टो में कहा गया है कि अतीत में लगभग सभी प्रमुख दलों के साथ हाथ मिलाने वाले अजीत सिंह ने चुनाव के लिए भाजपा से गठजोड़ के संबंध में अपने द्वार खुले रखे हैं। मौर्य ने हालांकि जोर दिया कि उनकी पार्टी ऐसे किसी गठबंधन पर विचार नहीं कर रही है। रालोद या सिंह का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, ‘अगर कोई दल भाजपा से जुड़ना चाहता है तो उसे गठबंधन के बारे में नहीं सोचना चाहिए बल्कि भाजपा के चिन्ह पर चुनाव लड़ना चाहिए।’ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मौर्य को पिछले महीने प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था जो पहली बार लोकसभा के लिए चुनकर आए हैं।
और ओबीसी समुदाय से आते हैं। विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े रहे मौर्य ने कहा कि भाजपा विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी और राम मंदिर चुनावी मुद्दा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के कुशासन के साथ भ्रष्टाचार और कानून एवं व्यवस्था की खराब स्थिति मुख्य मुद्दा होगी। 47 वर्षीय कुशवाहा नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को सपा और बसपा दोनों ने छला है। राम मंदिर हमारे लिए भावनात्मक मुद्दा है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और वह इस बारे में शीर्ष अदालत के जल्द फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उत्तरप्रदेश में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई भी निर्णय पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को करना है।