उत्तर प्रदेश विधानसभा के नजदीक विरोध-प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत पर हंगामा मचा हुआ है। कांग्रेस का कहना है कि प्रभात की मौत पुलिस की बर्बरता की वजह से हुई। वहीं, दूसरी ओर यूपी पुलिस का कहना है कि प्रभात के शरीर पर चोट का कोई भी निशान नहीं पाया गया है।

पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा किया जाएगा और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। इससे पहले बुधवार रात फॉरेंसिक टीम कांग्रेस कार्यालय पहुंची और सबूत इकट्ठे किए। डीसीपी मध्य रवीना त्यागी के मुताबिक कांग्रेस कार्यालय के केयरटेकर के बयान दर्ज किए जाएंगे और सीसीटीवी फुटेज जब्त किया जाएगा।

इसके साथ ही प्रदर्शन में शामिल लोगों से पूछताछ की जाएगी और उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। प्रभात के मोबाइल फोन को भी जांच के लिए भेजा जाएगा और पता लगाया जाएगा कि उसके साथ कौन-कौन लोग आए थे और प्रदर्शन के दौरान प्रभात के साथ कौन लोग थे।

कांग्रेस ने बुधवार को कहा था कि लखनऊ में विरोध प्रदर्शन के दौरान गोरखपुर के 28 वर्षीय पार्टी कार्यकर्ता की मौत हो गई। पार्टी ने दावा किया कि पुलिस की बर्बरता के कारण उसकी मौत हुई थी।

यूपी विधानसभा घेराव के दौरान प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ता की मौत, कांग्रेस ने पुलिस पर लगाया बड़ा आरोप

प्रभात की मौत पर उत्तर प्रदेश पुलिस का बयान

जिसके बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बयान में आरोप से इनकार करते हुए कहा कि युवक को आखिरी बार कांग्रेस पार्टी कार्यालय में देखा गया था, जहां वह बेहोश पाया गया था और उसके शरीर पर कोई बाहरी चोट के निशान नहीं पाए गए थे। इस बीच, मृतक प्रभात पांडे के परिवार ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या की FIR दर्ज कराई।

दरअसल, केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने राष्ट्रव्यापी विरोध के तहत कांग्रेस ने बुधवार को विधानसभा का घेराव करने की योजना बनाई थी। हालांकि, एक रात पहले कथित तौर पर अपने अधिकांश नेताओं को हिरासत में लिए जाने के बाद, यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने पार्टी कार्यालय से विधानसभा तक मार्च निकाला।

पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प

पुलिस द्वारा रोके जाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जबरन अंदर घुसने की कोशिश की, जिससे झड़प हो गई। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन में भाग ले रहे प्रभात की पुलिस के साथ झड़प में घायल होने के बाद मौत हो गई।

अजय राय ने कहा , “पुलिस के साथ झड़प के दौरान युवा कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडे की मौत हो गई। इसकी जिम्मेदारी योगी आदित्यनाथ सरकार और राज्य पुलिस की है।” उन्होंने पांडे के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और एक रिश्तेदार को सरकारी नौकरी देने की मांग की।

पुलिस का कहना- प्रभात पांडे के शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं

वहीं, आजतक की खबर के मुताबिक, पुलिस सूत्रों ने बताया कि प्रभात को कांग्रेस कार्यालय से अस्पताल मृत अवस्था में लाया गया था। DCP त्यागी ने बताया, डॉक्टरों के अनुसार प्रथम दृष्ट्या मृतक प्रभात पांडे के शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं है। इसके अलावा पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। रिपोर्ट के हिसाब से आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें jansatta.com का LIVE ब्लॉग