यूपी में माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी आफसा अफशां पर लखनऊ पुलिस ने एक्शन लिया है। पुलिस ने उनकी 2.25 करोड़ की अवैध संपत्ति कुर्क कर ली है। ये अफशां अंसारी के नाम तीन जमीनों को पुलिस ने कुर्क किया है। वहीं ईडी ने एलडीए को पत्र लिखकर मुख्तार की तमाम नामी और बेनामी संपत्तियों का ब्यौरा मांगा है। जिस पर एलडीए ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं।
कैंट रोड पर एक अपार्टमेंट में मुख्तार अंसारी के परिवार के नाम पर एक फ्लैट, डालीबाग कॉलोनी में निष्क्रांत संपत्ति और विधानसभा मार्ग पर एक पेट्रोल पंप का कुछ हिस्सा समेत उनके कुछ करीबियों की जमीनों के बारे में एलडीए ने ईडी को बताया है।
ईडी के सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक कैंट रोड पर स्थित फ्लैट मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी का बताया जा रहा है। अपार्टमेंट के नक्शे को लेकर भी जानकारी जुटाई जा रही है कि अपार्टमेंट का नक्शा कब और कैसे पास हुआ। साथ ही फ्लैट की रजिस्ट्री में कितना स्टांप शुल्क चुकाया गया।
इस पूरे मामले की जानकारी एलडीए ने ईडी को दे दी है। अब ईडी जल्द आगे की कार्रवाई शुरू करेगी। इससे पहले मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी के नाम पर दर्ज विधानसभा मार्ग स्थित पेट्रोल पंप के करीब 200 वर्ग फुट हिस्से को आजमगढ़ पुलिस सील कर चुकी है।
जबकि डालीबाग स्थित निष्क्रांत संपत्ति को ध्वस्त करके लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से मुख्तार और उसके दोनों बेटों अब्बास और उमर के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज किया जा चुका है। वहीं मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी अभी फरार चल रहे हैं।
पिछली 4 अगस्त, 2022 को गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के जाफराबाद में गैंगस्टर एक्ट 14 (1) के तहत पुलिस अधीक्षक रोहन पी बोत्रे की उपस्थिति में अफशां अंसारी की बेनामी संपत्ति को कुर्क किया गया था। संपत्ति की 16 फरवरी 2009 में अफशां अंसारी के नाम पर रजिस्ट्री की गई थी।
इस जमीन में प्राइवेट दूरसंचार का टावर लगा है और जमीन का क्षेत्र 87.79 वर्गमीटर है। इसकी मार्केट में कीमत तकरीबन 50 लाख रुपए है। कुर्की की कार्रवाई के वक्त वहां पुलिस अधीक्षक के अलावा, उपजिलाधिकारी हर्षिता तिवारी, क्षेत्राधिकारी श्याम बहादुर सिंह, तहसीलदार विजय प्रताप सिंह, नायब तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव , प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा और क्षेत्रीय लेखपाल महेन्द्र मौर्य सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहे थे।बता दें, मुख्तार अंसारी और उनके परिवार के खिलाफ योगी सरकार सख्त नजर आ रही है।