उत्तर प्रदेश में पिछले दो हफ्तों में कोरोना के केसों में कमी देखी गई है। एक समय प्रतिदिन 30 हजार से ज्यादा केस देखने वाले यूपी के शहरी इलाकों में हालात तेजी से सुधरे हैं और कोरोना केस आठ हजार के नीचे आ गए हैं। हालांकि, अब संक्रमण की लहर गांव तक पहुंच चुकी है। कई जगहों पर गांवों में लोगों के बीमार पड़ने और मौतों की खबरें सामने आ रही हैं। इस बीच गौतमबुद्धनगर के एक गांव में जब स्थानीय कांग्रेस नेता ने मीडिया को क्षेत्र की खराब स्थिति के बारे में अलर्ट किया, तो योगी सरकार ने नेता के खिलाफ ही एफआईआर दर्ज कर ली।

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि राज्य में कोरोना से जुड़े मामलों पर शिकायत करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। हालांकि, यूपी पुलिस ने कांग्रेस नेता पर संक्रमण फैलाने की साजिश के मामले के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। कांग्रेस नेता का नाम योगेश तालान है। वे पहले इसी मेवला गोपालगढ़ के सरपंच रह चुके हैं।

बताया गया है कि तालान गांव में अपने एक दोस्त और कुछ पड़ोसियों की मौतों की वजह से काफी गुस्से में थे। इसी के चलते उन्होंने कुछ पत्रकारों को गांव के हालात देखने के लिए बुलाया था। इसके बाद जब कुछ मीडिया ग्रुप तालान गांव पहुंचे, तो 17 मई को राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने भी गांव में टेस्टिंग के लिए एक टीम भेजी। साथ ही एक मरीज के लिए एंबुलेंस भी भेजी गई। लेकिन इसी दिन पुलिस ने तालान पर आईपीसी की धारा 188 (सरकारी अधिकारी के आदेश को न मानने), धारा 269 और धारा 270 (किसी बीमारी को फैलाने और जान को खतरा पैदा करने का उद्देश्य), धारा 505(1) (भड़काना) के तहत केस दर्ज किया गया। इसके अलावा उन पर महामारी ऐक्ट भी लगाया गया।

पुलिस की पकड़ से बचने के लिए अज्ञात जगह छिपे नेता: तालान ने एक मीडिया समूह को बताया कि बुधवार को कुछ पुलिसकर्मी उनके घर आ गए थे, लेकिन तब वे घर पर नहीं थे। पुलिसवालों ने कुछ भी लिखित में नहीं दिया। इसके चलते घर लौटने से पहले मैंने कानूनी मदद लेने का फैसला किया। तालान ने कहा कि उन्हें इसलिए सजा मिल रही है, क्योंकि अब दुनिया जानती है कि स्वास्थ्य सिस्टम हमें भूल गया था। पुलिस तब तक चुप नहीं बैठेगी जब तक वह मुझे गिरफ्तार न कर ले, क्योंकि मैं कांग्रेस के साथ हूं।

केसों के डर से बोलने में भी घबरा रहे गांववाले: कांग्रेस नेता तालान ने कहा कि उन्हें पुलिस से डर नहीं लगता, क्योंकि अभी स्थिति इतनी खराब है कि असल डर वायरस का है। लेकिन गांववाले डरे हैं। उन्हें डर लगता है कि अगर वे खुलकर बोलेंगे तो उन्हें अलग-अलग केसों में फंसा दिया जाएगा, लेकिन नहीं बोलेंगे तो उनकी मौत भी हो सकती है। तालान के मुताबिक, गांव में बीमारी पंचायत चुनाव के बाद फैलनी शुरू हुई। तीन लोगों ने बताया कि वे कोविड पॉजिटिव हैं। कई लोग तो ये नहीं जानते कि कोरोना टेस्ट कैसे कराना है और अब मैं भी उनकी मदद नहीं कर सकता।