बसपा सरकार के दौरान मूर्तियों और स्मारकों पर खर्च को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट के जरिए मीडिया से मांग की है कि कोर्ट की टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश ना किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम कोर्ट में अपना पक्ष पूरी मजबूती के साथ रखेंगे। मायावती ने तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी के लोग कटी पतंग ना बनें तो बेहतर है।
दरअसल, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल पुरानी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया मायावती को मूर्तियों पर खर्च किया जनता का पैसा लौटाना होगा। इस मुद्दे पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा- “मीडिया कृपया करके माननीय सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश ना करे। माननीय न्यायालय में अपना पक्ष ज़रूर पूरी मजबूती के साथ आगे भी रखा जायेगा। हमें पूरा भरोसा है कि इस मामले में भी मा. न्यायालय से पूरा इंसाफ मिलेगा। मीडिया व बीजेपी के लोग कटी पतंग ना बनें तो बेहतर है।” इसके बाद मायावती ने एक और ट्वीट कर कहा- “सदियों से तिरस्कृत दलित व पिछड़े वर्ग में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में निर्मित भव्य स्थल, स्मारक, पार्क आदि उत्तर प्रदेश की नई शान, पहचान व व्यस्त पर्यटन स्थल हैं, जिसके आकर्षण से सरकार को नियमित आय भी होती है।”
मीडिया कृप्या करके माननीय सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश ना करे।
माननीय न्यायालय में अपना पक्ष ज़रूर पूरी मजबूती के साथ आगे भी रखा जायेगा। हमें पूरा भरोसा है कि इस मामले में भी मा. न्यायालय से पूरा इंसाफ मिलेगा। मीडिया व बीजेपी के लोग कटी पतंग ना बनें तो बेहतर है।
— Mayawati (@Mayawati) February 9, 2019
गौरतलब है कि बसपा शासनकाल में मूर्तियों के निर्माण से जुड़ी एक याचिका 10 साल पहले अखिलेश यादव सरकार के दौरान सुप्रीम कोर्ट में डाली गई थी। जिसकी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनकी राय है कि प्रथम दृष्टया मूर्तियों, स्मारक और पार्कों पर खर्च हुए पब्लिक मनी को मायावती को सरकारी कोष में लौटना चाहिए। बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी।