लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की हार के बाद पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसी क्रम में अयोध्या बीजेपी के अंदर भी सब ठीक नहीं चल रहा है। फैजाबाद के पूर्व सांसद लल्लू सिंह ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले पार्टी के सदस्यता अभियान को शुरू करने के लिए आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को अचानक छोड़ दिया और दावा किया कि वह इसमें हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि एक ‘माफिया के साथ वह मंच शेयर नहीं करेंगे।

मिल्कीपुर में है उपचुनाव

यह प्रेस कॉन्फ्रेंस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अयोध्या की निर्धारित यात्रा से एक दिन पहले बुधवार को आयोजित की गई थी। भाजपा मिल्कीपुर विधानसभा सीट जीतने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने स्वयं विधानसभा क्षेत्र की कमान संभाल ली है और यहां तक ​​कि कुछ मंत्रियों को भी वहां डेरा डालने के लिए कहा गया है।

लल्लू सिंह ने पार्टी नेता को कहा माफिया

पार्टी कार्यकर्ता शिवेंद्र सिंह को लल्लू सिंह ने माफिया कहा था। इस बीच शिवेंद्र सिंह ने उन पर निशाना साधा और लोकसभा क्षेत्र में पार्टी की हार के लिए लल्लू सिंह की ‘संविधान बदल देंगे’ वाली टिप्पणी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए लल्लू सिंह ने कहा कि इसका आने वाले विधानसभा उपचुनावों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन कई नेताओं को लगता है कि पार्टी को और अधिक मतभेद पैदा करने से पहले इस तरह के मतभेदों को सुलझाना होगा।

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लल्लू सिंह ने कहा, ”यह दरकिनार किये जाने के बारे में नहीं है। कौन मुझे दरकिनार करेगा? यह मर्यादा और अनुशासन के बारे में है। मैं प्रेस कांफ्रेंस में समय से पहले पहुंच गया था और पत्रकारों के साथ बैठा था। तभी पार्टी के कुछ नेता पहुंचे और मंच की ओर बढ़े। मैंने वहां कुछ गलत लोगों को बैठे देखा। मैंने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले ऐसे लोगों के साथ बैठना उचित नहीं समझा, इसलिए मैंने चुपचाप वहां से चले जाने का फैसला किया। पार्टी के लिए अनुशासन और मर्यादा बहुत जरूरी है। मैं एक अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में वर्षों से पार्टी की विचारधारा के लिए काम कर रहा हूं। पार्टी की जिला इकाई को इसे लेकर सावधान रहना चाहिए। वरना पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।”

बीजेपी नेता पर भड़के लल्लू सिंह

ब्लॉक प्रमुख संघ के जिला अध्यक्ष शिवेंद्र सिंह ने कहा कि वह लंबे समय से भाजपा से सदस्य के रूप में जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, “मैं उस दिन मंच पर मौजूद था। मैं लंबे समय से उनके साथ चुनावों में जुड़ा रहा हूं लेकिन उन्हें कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। मुझे लगता है कि उनका ये बयान उनकी बढ़ती उम्र का परिचायक हो सकता है। उनकी संविधान संबंधी टिप्पणी के कारण ही पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। उनके पास मेरे साथ और इससे भी अधिक गंभीर मामलों का सामना कर रहे लोगों के साथ तस्वीरें हैं। उन्हें पहले किसी को माफिया कहने के अपने मानदंड स्पष्ट करने चाहिए।”

शिवेंद्र सिंह ने कहा कि वह एक छात्र नेता रहे हैं और उन्होंने वर्षों तक पार्टी की विचारधारा के लिए काम किया है। इस पूरे बवाल पर भाजपा जिला अध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि पार्टी के आंतरिक मुद्दों को उठाने का एक निश्चित तरीका है। बता दें कि तत्कालीन विधायक अवधेश प्रसाद को लोकसभा चुनाव में उतारे जाने के बाद मिल्कीपुर विधानसभा सीट खाली हो गई थी।