UP Electricity: शहर की तरह कुछ गांव में बिजली की आपूर्ति होने पर ग्रामीणों को अब शहरी दर से बिजली का बिल चुकाना होगा। इससे उस क्षेत्र के कंज्यूमर को दो रुपये प्रति यूनिट तक मंहगी दर पर बिजली मिलेगी। पावर कारपोरेशन के निदेशक मंडल ने इस संबंध में फैसला करने के बाद बिजली कंपनियों के एमडी से कहा कि शहरी शेड्यूल के मुताबिक, जिन्हें ग्रामीण फीडर से ज्यादा बिजली दी जाए उसे शहरी फीडर में तब्दील कर शहरी दर लागू की जाए।
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशक मंडल की 14 जून को एक मीटिंग हुई थी। इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि प्रदेश के विद्युत वितरण निगम अपने-अपने क्षेत्र के उन क्षेत्रों का चुनाव करें, जहां पर शहरीकरण का असर ज्यादा है। इस दायरे में आने वाले फीडर से जुड़े उपभोक्ताओं के बिजली आपूर्ति के टाइप में बदलाव किया जाएगा। ऐसे में शहरीकरण होने के बाद भी अभी तक ग्रामीण फीडर के आधार पर बिल वसूला जा रहा है, वहां शहरी फीडर किया जाए और कंज्यूमर से शहरी दर पर बिजली बिल वसूला जाए।
इस समय बिजली बिजली आपूर्ति को लेकर जो शेड्यूल तय है उसके अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे, नगर पंचायत व तहसील मुख्यालयों को 21.30 घंटे, बुंदेलखंड को 20 घंटे जबकि जिला व मंडल मुख्यालय और महानगरों को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति करने की व्यवस्था है। हालांकि, लोकसभा इलेक्शन के दौरान गांव तक में 23 से 24 घंटे बिजली आपूर्ति होती रही है। गांव में शहर जैसी बिजली आपूर्ति की व्यवस्था न होने से ही ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं की बिजली की दर अब तक शहरी उपभोक्ताओं से काफी कम ही रही है। हाल के सालों में बिजली आपूर्ति के सिस्टम में काफी सुधार देखा गया है।
उपभोक्ता परिषद ने जताई आपत्ति
पावर कॉरपोरेशन की तरफ से यह प्रस्ताव पास होने के बाद से इसका विरोध भी काफी तेजी के साथ बढ़ता ही जा रहा है। उपभोक्ता परिषद इस मामले को नियामक आयोग के सामने लेकर जाएगा। याचिका को दाखिल करने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार ने कहा कि देश में विद्युत उपभोक्ता अधिकार कानून 2020 लागू हो गया है, जिसकी धारा 10 में सभी को 24 घंटे बिजली देने का प्रावधान है। फिर उत्तर प्रदेश में शहरी आपूर्ति और ग्रामीण आपूर्ति के आधार पर पैसे बढ़ाना सही नहीं है। पहले ही विद्युत आयात में सप्लाई के टाइप को बदलकर आपूर्ति बढ़ाकर पूरे राज्य में कज्यूंमर से गलत तरीकों से करोड़ो रुपये वसूले जा रहे हैं।
बिजली के दामों को लेकर सीएम से लगाई गुहार
शनिवार को उपभोक्ता परिषद ने एक वेबिनार का आयोजन किया था। इसमे राज्य से जुड़े तमाम उपभोक्ताओं ने विरोध जताया। सभी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है। इस संबंध में योगी आदित्यनाथ को एक लेटर भी भेजा गया है। इन उपभोक्ताओं ने कहा कि नियामक आयोग के नियमों के मुताबिक, स्टैंडर्ड आफ परफार्मेंस रेगुलेशन 2019 का हवाला देकर ग्रामीण फीडर को शहरी फीडर में बदलने का हर तरीके से विरोध किया जाएगा। फीडर को खत्म करके उसे शहरी फीडर में तब्दील करने देने का अधिकार देना पूरी तरह से असंवैधानिक है। इससे बिजली उपभोक्ताओं की बिजली दरों में डेढ़ गुना की ज्यादा बढ़ोतरी हो जाएगी।