उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट से पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। यह मुलाकात उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए बड़ी खबर है। बृजभूषण शरण सिंह का गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या और उसके आसपास के जिलों में बड़ा जनाधार है। अहम बात यह है कि बृजभूषण शरण सिंह करीब 3 साल बाद योगी आदित्यनाथ से मिले हैं। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। बृजभूषण शरण सिंह ने मुलाकात को शिष्टाचार भेंट करार दिया हालांकि इसे एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम माना जा रहा है। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि योगी जी सीएम हैं तो मुलाकात तो होनी ही है।
क्या हैं सियासी मायने?
पिछले तीन-चार साल से बृजभूषण शरण सिंह ने जिस प्रकार के बयान दिए हैं, उससे उन्हें योगी विरोधी नेता के रूप में देखा जाता रहा है। हालांकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना नेता बताते रहे हैं, जबकि योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री। बृजभूषण सिंह का कुछ दिन पहले एक दिया हुआ इंटरव्यू भी वायरल हो रहा था, जिसमें वह कह रहे थे कि ना मुख्यमंत्री जी को मुझसे काम पड़ता है ना मुझे उनसे काम पड़ता है, इसलिए मुलाकात हो नहीं पा रही है। जिस दिन काम होगा उस दिन मुलाकात हो जाएगी।
लोकसभा में कट गया था टिकट
हाल ही में लोकसभा चुनाव हुआ और बृजभूषण का टिकट कैसरगंज से कट गया था। महिला पहलवानों के प्रकरण में बृजभूषण शरण सिंह का नाम आया और उसके बाद पार्टी ने उनके बेटे करण भूषण को कैसरगंज से टिकट दिया। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन काफी खराब रहा था और समाजवादी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
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लोकसभा बीजेपी को हुआ था नुकसान
अगर बृजभूषण सिंह के इलाके की ही बात करें तो केवल कैसरगंज से उनके बेटे करण भूषण और गोंडा से कीर्तिवर्धन सिंह चुनाव जीत पाए। वहीं उसके अगल-बगल के जिलों की सारी सीटें बीजेपी हार गई। यहां तक की अयोध्या जो बीजेपी का गढ़ माना जाता है, वहां भी बीजेपी को सफलता नहीं मिली। अयोध्या, अंबेडकर नगर, बलरामपुर, कैसरगंज, गोंडा, बस्ती, संतकबीर नगर, डुमरियागंज, सुल्तानपुर में बृजभूषण शरण सिंह का प्रभाव माना जाता है। यहां पर ठाकुरों की आबादी भी अच्छी खासी संख्या में है। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि इन सभी लोकसभा सीटों में केवल बीजेपी कैसरगंज, डुमरियागंज और गोंडा ही जीत पाई। बाकी सभी सीटों पर बीजेपी की करारी हार हुई।
विधानसभा चुनाव को लेकर योगी की तैयारी
डेढ़ साल बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में बीजेपी कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती है। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सीटें घटी थीं। पूर्वांचल में बीजेपी को झटका लगा था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पिछले कुछ महीनो में लगातार अपने विधायकों से मुलाकात कर रहे हैं। हर दिन योगी आदित्यनाथ करीब 4 से 5 विधायकों से मुलाकात करते हैं और अलग अलग जिलों के प्रभावशाली नेताओं से मुलाकात करते हैं। इसे योगी आदित्यनाथ की 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है।
योगी सरकार की कई नीतियों का विरोध कर चुके हैं बृजभूषण
बृजभूषण शरण सिंह पिछले कुछ महीनों से लगातार उत्तर प्रदेश सरकार की कुछ नीतियों का विरोध करते रहे हैं। कभी उन्होंने बुलडोजर नीति पर सवाल उठाया तो कभी उन्होंने अफसरशाही पर लगाम लगाने की बात की। हाल ही में कई इंटरव्यू के दौरान बृजभूषण सिंह ने दावा किया कि जनप्रतिनिधियों की बातें अधिकारी नहीं सुनते हैं और अपने मन से काम करते हैं। बृजभूषण सिंह के यह सभी बयान अप्रत्यक्ष रूप से योगी आदित्यनाथ पर हमले के रूप में देखे जाते रहे हैं। लेकिन अब बृजभूषण ने योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर कयासों पर विराम लगाया है। माना जा रहा है यह मुलाकात दोनों के बीच राजनीतिक कटुता को खत्म करेगी।
अखिलेश यादव की तारीफ कर चुके हैं बृजभूषण
कुछ समय पहले बृजभूषण सिंह ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तारीफ भी की थी। उन्होंने अखिलेश यादव को कृष्ण का वंशज बताया था। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि क्या बृजभूषण का झुकाव समाजवादी पार्टी की ओर हो रहा है? बता दें कि जब महिला पहलवानों का मामला सामने आया तब भी समाजवादी पार्टी अन्य विपक्षी दलों की तरह बृजभूषण पर हमलावर नहीं थी। या यूं कहें सपा के बड़े नेताओं ने बृजभूषण को निशाने पर नहीं लिया था।
बृजभूषण कहते रहे हैं कि योगी आदित्यनाथ महंत अवैद्यनाथ के घोषित शिष्य हैं जबकि मैं अघोषित हूं। उन्होंने कहा कि महंत अवैद्यनाथ योगी आदित्यनाथ से कम मुझे नहीं मानते थे। बृजभूषण के अनुसार जब योगी जी छोटे थे तब हम साथ में ही स्विमिंग और जिम जाते थे।