Mulayam Singh Yadav: समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की इस वक्त तबीयत ठीक नहीं है। वो गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। चिकित्सकों का पैनल उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहा है। इस बीच उनके कॉलेज के सहपाठी रहे के. हरि सिंह ने मुलायम सिंह से जुड़ी कुछ खास बातों को शेयर किया तो वहीं कुश्ती में उनके चरखा दांव का रहस्य भी बताया है।

मुलायम सिंह के सहपाठी के. हरि सिंह ने बताया कि पहलवानी में उनका एक चरखा दांव मशहूर हो गया। उन्होंने कहा कि पहलवानी और राजनीति में अनेक दांव होते हैं। के. हरि सिंह ने बताते हैं कि मुलायम सिंह में पहलवानी के गुण थे और उन्हीं को वो राजनीति में ले आए। कब किस दांव से किसको चित करना है, इसको वो अच्छी तरह जानते थे। वो बताते हैं कि मुलायम सिंह ने पूरी जिंदगी संघर्ष किया।

राम मनोहर लोहिया से मुलायम सिंह की कैसे मुलाकात हुई। इस सवाल के जवाब में के. हरि सिंह बताते हैं कि लोहिया का इटावा में बहुत असर था और वो इटावा अक्सर आते रहते थे। लोहिया की विचारधारा से प्रभावित होकर मुलायम सिंह भी उनके साथ हो लिए।

मुलायम सिंह के राजनीतिक गुरु के बारे में हरि सिंह बताते हैं कि नेता जी जिसको गुरु मानते थे, वो हमारे ससुर हुआ करते थे। जिनका नाम नत्थू सिंह था और वो करहल के रहने वाले थे। उन्होंने बताया कि नत्थू सिंह 1957 में करहल से विधायक बने और उसके बाद 1962 में जसवंतनगर से विधायक चुने गए। फिर उन्होंने अपनी सीट मुलायम सिंह को देकर इनको लड़ाया और पूरी तरह से इनकी (मुलायम सिंह) मदद की और मुलायम सिंह चुनाव जीत गए। इसके बाद मध्यावधि चुनाव में मुलायम सिंह हार गए। इसके बाद वो चौधरी चरण की पार्टी में शामिल हो गए।

के हरि सिंह आगे बताते हैं कि मुलायम सिंह के बाबा इटौली के ही थे। उसके बाद वो सैफई चले गए और वहीं से मुलायम सिंह मशहूर हुए। वो बताते हैं कि शिकोहाबाद के लिए मुलायम सिंह ने बहुत काम किया। वो कहते हैं कि नेता जी के स्वास्थ्य को लेकर यूपी के कई जिले के लोग बहुत दुखी हैं। उनको ऐसा लगता है कि अगर नेता जी नहीं रहे तो वो अनाथ हो जाएंगे।