दो बच्चों वाले विधेयक को लेकर भाजपा का रुख आक्रामक बना हुआ है, वह इस मामले को उत्तर प्रदेश से आगे ले जाने की तैयारी में हैं। सीएम योगी द्वारा उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-30 जारी करने के बाद अब केंद्र में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की कवायद शुरू हो गई है। 6 अगस्त को प्राइवेट बिल मेंबर पर राज्यसभा में चर्चा होगी। यहां बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा के प्राइवेट बिल पर चर्चा हो सकती है। इसी विषय पर राज्यसभा में अनिल अग्रवाल का प्राइवेट बिल भी दिया गया है। जानकार मानते हैं कि इस विधेयक पर चर्चा का फायदा बीजेपी को आगामी विधानसभा चुनावों में मिलेगा।

जदयू में रार: दो बच्चों वाले विधेयक बीजेपी की इस आक्रामकता का कारण, इसको मिलने वाला समर्थन हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकों तंजात्मक लहजे में खारिज करते हुए कह दिया कि सिर्फ कानून बनाकर जनसंख्या पर नियंत्रण करना संभव नहीं होगा। इसके लिए महिलाओं को शिक्षित करना होगा तभी प्रजनन दर घटेगी और जनसंख्या पर नियंत्रण होगा। नीतीश के इस बयान पर खुद जेडीयू में विरोधभास स्थिति पैदा हो गई है। नीतीश के स्टैंड से अलग उनकी पार्टी के संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने इसका समर्थन किया है।

उपेंद्र कुशवाहा ने की जनसंख्या नियंत्रण कानून की तारीफ की: जनता दल यूनाइटेड के संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जहां भी इस कानून की पहल की जा रही है, मैं उसकी सराहना करता हूं। उन्होंने कहा कि इस पर बात की जानी चाहिए, क्योंकि अगर जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो जनता को विकास को फायदा नहीं मिल पाएगा। बकौल कुशवाहा, जहां भी इसकी पहल हो रही है, उसकी सराहना की जानी चाहिए, बिहार में कब होगा के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर तो सरकार को काम करना है।

बिहार में बीजेपी भी केंद्र की खीची गई लाइन पर कायम है। बिहार बीजेपी के नेताओं ने साफ तौर पर कह दिया है कि जनसंख्या के नियंत्रण पर पॉलिसी तो बनानी ही होगी। प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या की रफ्तार को देखते हुए इस पर रोक लगाने के लिए पॉलिसी को बनानी ही होगी। उन्होंने यूपी के प्रस्तावित कानून की तारीफ करते हुए कहा कि य़ह वाकई काबिले तारीफ है, खासकर एक बच्चे वालों को प्रोत्साहन देना खासा फायदेमंद साबित होगा।

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का भी मानना है कि जनसंख्या पर कानून लागाना होगा क्योंकि उपलब्ध संसाधनों पर इसका विपरित असर देखने को मिल रहा है।