उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से हुई मौतों के बीच डॉक्टरों की टीम का भी दर्द उभर आया। दोनों राज्यों में मिलाकर जहरीली शराब के चलते बीते तीन-चार दिनों में ही सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद से ही पूरे उत्तर प्रदेश में अवैध शराब की धरपकड़ लगातार जारी है। इस मामले में अब तक कई दर्जन अधिकारी-कर्मचारी निलंबित हो चुके हैं और सैकड़ों लीटर शराब जब्त हो चुकी है। पुलिस की तरफ से शराब में चूहे मारने की दवा मिलाए जाने का भी शक जाहिर किया था।
यूं सामने आया डॉक्टरों का दर्दः मेरठ से सामने आई एक खबर के मुताबिक यहां डॉक्टरों की एक टीम ने महज आठ घंटे में 21 पोस्टमार्टम किए थे। ये सभी शव जहरीली शराब से मरने वालों के थे। टीम के एक सदस्य ने मीडिया को बताया, ‘मैंने अपने करियर में एक साथ इतनी लाशें नहीं देखी। आमतौर पर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पीएम हाउस की टेबल पर ही होती है लेकिन अब बाहर भी करना पड़े। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। सभी शवों का विसरा प्रिजर्व करना था और सभी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट तैयार होनी थी। समय से काम करने के लिए डॉक्टरों ने खाना भी पोस्टमॉर्टम हाउस में लाशों के बीच बैठकर खाया।’
अखिलेश ने सरकार पर लगाया था बड़ा आरोपः दोनों राज्यों में हुई इन दर्दनाक मौतों को लेकर अब सियासत भी तेज हो चुकी है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूरे मामले में सरकार के भी शामिल होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि बिना सरकारी मदद के यह कारोबार हो ही नहीं सकता।