यूपी चुनाव से पहले ही मुलायम सिंह यादव के कुनबे में तकरार देखने को मिल रही थी। चुनावी हार ने रही सही कसर पूरी कर दी। शिवपाल खुलकर अखिलेश से नाराजगी जता रहे हैं तो सहयोगी दल भी आंखें दिखाने लगे हैं। मंगलवार को सपा मुख्यालय में सपा व सहयोगी दलों की बैठक बुलाई गई लेकिन इसमें न तो शिवपाल आए और न ही अपना दल (K) की पल्लवी पटेल और जयंत चौधरी इसमें शामिल हुए।

सपा ने अपने ट्विटर पर मीटिंग के लिए जो चिट्ठी जारी की थी उसमें पल्लवी पटेल के साथ शिवपाल यादव, ओपी राजभऱ और रालोद के राजपाल बालियान को बुलाया गया था। लेकिन पल्लवी सपा चीफ से मीटिंग से पहले ही निकलकर चली गईं। रालोद से भी कोई नहीं पहुंचा तो शिवपाल इटावा में दिखे। हालांकि, बाद में सपा मुख्यालय में सपा व सहयोगी दलों की बैठक अखिलेश यादव ने ली। इसमें कई मुद्दों पर मिल कर भाजपा व सरकार को घेरने की रणनीति बनी। इसके लिए सदन से लेकर सड़क तक मिल कर संघर्ष किया जाएगा। बैठक में ये भी तय हुआ कि सभी सहयोगी दल लोकसभा चुनाव के लिए अभी से तैयारी कर बीजेपी को हाशिए पर लाने के लिए जुटेंगे।

शिवपाल इटावा में सुन रहे थे भागवत कथा

अखिलेश यादव की तरफ से बुलाई बैठक में उनके चाचा शिवपाल यादव नहीं आए। जब लखनऊ में बैठक चल रही थी तब शिवपाल यादव इटावा में भागवत कथा सुन रहे थे। शिवपाल ने अभी तक विधानसभा की सदस्यता की शपथ भी नहीं ली है। अखिलेश ने मंगलवार की बैठक में प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव को भी बुलाया था। लेकिन उनके बुलावे को नजरंदाज कर शिवपाल यादव दिल्ली चले गए और वहां अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव से मिले। उनसे मिलने के बाद वहां से शिवपाल यादव इटावा चले गए। वहां वो कथा में शरीक हुए।

सूत्रों का कहना है कि शिवपाल यादव सपा विधायकों की बैठक में न बुलाए जाने से नाराज थे। सपा उन्हें सहयोगी दल बताती है जबकि वह कहते हैं कि वह सपा के टिकट पर जीते हैं। इसलिए उन्हें सपा विधायकों की बैठक में बुलाया जाना चाहिए था। सूत्रों का कहना है कि शिवपाल बेहद नाराज हैं। वो कोई बड़ा कदम भी उठा सकते हैं। लेकिन अभी उन्होंने कई मुद्दों पर चुप्पी साध रखी है। उनका कहना है कि वह जल्द अपनी बात कहेंगे।

ध्यान रहे कि शिवपाल सपा के टिकट पर इटावा के जसवंत नगर से विधायक बने हैं। उन्होंने 90 हजार के अंतर से जीत हासिल की थी। 2022 के असेंबली चुनाव में सपा को 11 सीटें मिलीं जबकि गठबंधन को 125 मिली हैं। हार के बाद से ही गठबंधन में अनबन दिखाई दे रही है।