UP News: उत्तर प्रदेश पुलिस ने बिना अनुमति के एक घर में नमाज पढ़ने के मामले को रद्द कर दिया। पुलिस ने केस को रद्द कर हुये कहा, “जांच में ऐसा कुछ नहीं पाया गया है।” मंगलवार (30 अगस्त) को मुरादाबाद पुलिस ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए कहा कि “गांव में भेजे गए पुलिस ने शिकायत को निराधार पाया।” उन्होंने कहा, “24 अगस्त को स्थानीय निवासी चंद्र पाल सिंह की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज गई थी, जिसमें लिखा था। “गांव के कई घरों में सामूहिक रुप से नमाज पढ़कर ये लोग ग्रामीणों में नफरत और दुश्मनी फैला रहे हैं। एफआईआर में 16 लोगों के नाम थे, जबकि 10 अन्य अज्ञात थे। सभी स्थानीय बताए जा रहे हैं।

दरअसल, 24 अगस्त को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के दुल्हेपुर गांव में 26 मुसलमानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने पड़ोसियों की आपत्तियों का हवाला दिया था और भारतीय दंड संहिता की धारा 505-2 (धार्मिक पूजा करने वाली सभा में शरारती बयान) के तहत नमाजियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बताया जा रहा है कि गांव में मस्जिद नहीं है और कुछ निवासी घरों के अंदर ही नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा हुए थे, जिस पर गांव के लोगों ने आपत्ति जताई थी।

नमाज के मामले पर सियासत खूब हुई

बता दें कि इस मामले पर सियासत भी खूब हुई थी। इस मामले में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए थे। ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा था, “भारत में मुसलमान अब घरों में भी नमाज नहीं पढ़ सकते हैं? क्या अब नमाज पढ़ने के लिए भी हुकूमत और पुलिस से इजाजत लेनी होगी? प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए। कब तक मुल्क में मुसलमानों के साथ दूसरे दर्जे के शहरी का सुलूक किया जायेगा?”

उमर अब्दुल्ला ने भी किया था ट्वीट

जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया था, “मुझे यकीन है कि अगर पड़ोसियों में से एक के पास 26 दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ हवन होता है जो पूरी तरह से स्वीकार्य होगा। यह ‘सामूहिक सभा’ ​​नहीं है, यह समस्या है, यह नमाज की कुर्बानी है।”

देश के अलग-अलग जगहों पर नमाज के लेकर विवाद

वहीं, नमाज को लेकर लोगों की आपत्ति हाल के महीनों में अलग-अलग जगहों पर सुर्खियां बटोर रही थी। कुछ महीने पहले गुड़गांव में क्षेत्र के कारखाने के कर्मचारियों की तरफ से नमाज पढ़ने के खिलाफ कुछ हिदूं संगठनों के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था। नमाज स्थानीय प्रशासन की तरफ से निर्धारित खुले स्थानों पर आयोजित की गई थी, लेकिन इसे रोक दिया गया था।

भोपाल के एक मॉल में भी आया था ऐसा ही मामला

जिसके बाद में कुछ स्थानों पर विरोध स्वरुप हिंदू प्रार्थनाएं आयोजित की गईं थी। हाल ही में भोपाल के एक मॉल में कुछ कर्मचारियों के नमाज पढ़ने की वजह से बजरंग दल के लोगों ने हनुमान चालीसा पढ़कर विरोध किया। कुछ हफ्ते पहले लखनऊ के एक मॉल में भी ऐसी ही घटना हुई थी। बाद में दोनों मॉल ने सभी धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगा दी।