AAP के लखनऊ में उत्तर प्रदेश राज्य दफ्तर पर रविवार को ताला पड़ गया। यह कार्यालय पार्टी ने किराये पर ले रखा था। इसी बीच, प्रदेश में पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह पर छह मुकदमे भी दर्ज हुए। उन्होंने इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर जमकर निशाना साधा। पूछा- क्या अब डंडेशाही से यूपी चलेगा? आप यह एफआईआर-एफआईआर खेलने बंद करिए। यह बचकाना खेल बंद करिए।

सिंह ने तंज में यह भी कहा, “योगी सरकार ने लखनऊ के हजरत गंज थाने छठी FIR भी दर्ज कर ली है। थाने 1700, पर FIR मात्र 6 बहुत नाइंसाफ़ी है। 1700 एफआईआर लिखवा कर दिखाइए। अगर आप ऐसा नहीं करा सकते तो मतलब है कि थानेदार भी सीएम योगी की नहीं सुनते हैं”

सिंह के ट्वीट के मुताबिक, “कार्यालय के मकान मालकिन से बयान दिलाया गया है, पुलिस कैसे काम करती है पूरा देश जानता है यूपी पुलिस बताये कल आप के प्रदेश प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी के घर पुलिस क्यों गई थी? कार्यालय का पता क्यों पूछा था? सुबह से कार्यालय के बाहर पुलिस का जमावड़ा क्यों था? पहले उसी आफिस में कई प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई तो आज क्या हुआ?” वह आगे बोले- योगी सरकार बड़े-बड़े दावे ज़रूर कर रही है लेकिन हक़ीक़त ये है की यू पी देश का पहला राज्य है जहाँ कोरोना से दो मंत्रियों की मृत्यु हो चुकी है, किसकी जवाबदेही है? सरकार कोरोना रोकने के बजाय मुक़दमा लिखने में व्यस्त है।

AAP का दावा- पुलिस दबाव में दफ्तर पर लगा तालाः माहेश्व के मुताबिक, विजय खंड में पार्टी प्रदेश कार्यालय पर पुलिस दबाव में ताला लगाया गया। वह कार्यालय किराए पर था। पुलिस शनिवार रात उनके घर पहुंची और उनसे पार्टी दफ्तर का पता पूछने लगी। रविवार सुबह मकान मालिक ने उन्हें फोन कर कहा कि पार्टी उनके यहां गतिविधियां बंद करे, जिसके बाद दफ्तर पर ताला लगा दिया गया। यह सब कुछ पुलिस के दबाव में आकर किया गया है। सीएम की पुलिस आम आदमी की आवाज उठाने वाली आप को परेशान करने के लिए ऐसी हरकतें कर रही है।

‘योगी राज में न तो नियम, न कानून और न व्यवस्था’: सिंह ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश के योगी राज को ‘जंगलराज’ कहना भी शायद कम होगा, क्योंकि जंगल के भी अपने कुछ नियम होते हैं। यहां न तो ना कोई नियम है, ना कानून है और ना ही व्यवस्था। आप ठोंको नीति से सरकार चलाना चाहते हैं। यह एक लोकतांत्रिक देश है। लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार अपराधियों की तरह काम नहीं कर सकती। उसे कानून के मुताबिक ही काम करना होता है। कानून का राज तब होता है जब आपकी समाज के अंदर एक विश्वसनीयता हो और यह सरकार अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि मुख्यमंत्री की पार्टी के 200 विधायक उनके खिलाफ विधानसभा में धरने पर बैठ गए थे।”

सिंह पर किन आरोपों को लेकर दर्ज हुए केस?: बकौल सिंह, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामराज्य लाने की बात करते हैं कोई उनसे पूछे कि राम का आदर्श क्या था। श्री राम ने वानरों और भालू की सेना बना कर रावण का नाश किया। श्री राम ने उन सभी को साथ लेकर लड़ाई लड़ी। कष्ट सहकर भी जनता को सर्वोपरि रखा। योगी जी रामराज्य की बात तो करते हैं लेकिन सबके हित में काम नहीं करना चाहते।” सिंह पर एक जाति विशेष के खिलाफ टिप्पणी करने के आरोप में लखीमपुर, संतकबीरनगर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर और ग्रेटर नोएडा में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। उन पर समाज को बांटने और सामाजिक समरसता बिगाड़ने वाला बयान देने का आरोप है।