Madarsa News : आने वाले अप्रैल महीने से उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन (Uttar Pradesh Board of Madarsa Education) से जुड़े मदरसों में प्रदेश के प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूलों (Private English Medium Schools) की तरफ एडमिशन किए जाएंगे। आने वाले शैक्षणिक वर्ष से मदरसों में किसी प्राइमरी स्कूल की तरफ बच्चों का नर्सरी क्लास में एडमिशन किया जाएगा। इसके बाद वह LKG और UKG क्लास में जाएगा और फिर उसका पहली क्लास में एडमिशन किया जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि मदरसों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं (Pre-Primary Classes) में प्रवेश देने का फैसला टीचर्स द्वारा फर्स्ट क्लास के स्टूडेंट्स को पढ़ाने के दौरान आने वाली समस्याओं की शिकायत के बाद लिया गया था।

उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन (Uttar Pradesh Board of Madarsa Education) के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि टीचर्स और अभिभावकों की मांग के बाद हमने प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने का फैसला किया। इससे मदरसे के छात्रों को धार्मिक के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा भी दी जा सकेगी। उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य होगा जहां मदरसों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं संचालित की जाएंगी।

उन्होंने बताया कि मदरसों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने का मकसद यहां पढ़ने वाले छात्रों को किसी भी अन्य स्कूल के छात्रों की तुलना में कम आत्मविश्वास महसूस न करें। उन्होंने किहा कि राज्य के सभी मदरसों में प्री-प्राइमरी कक्षाएं राज्य सरकार (State Government) द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार संचालित की जाएंगी।

कब आएगा सिलेबस?

डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि इन कक्षाओं का पाठ्यक्रम (Syllabus) मार्च महीने में जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मदरसों में संचालित की जाने वाली कक्षाओं का नाम अभी तय नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन कक्षाओं को चलाने में अगर हमें टीचर्स (Teachers) की जरूरत होगी तो हम प्राइवेट टीचर्स भर्ती करेंगे।

यूपी सरकार ने किया था मदरसों का सर्वे

बता दें कि कुछ ही समय पहले योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्यभर के मदरसों का सर्वे करवाया था। इस दौरान 8500 मदरसे ऐसे पाए गए जो उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन से मान्यता प्राप्त नहीं थे। यह सर्वे राज्य के सभी 75 जिलों में करवाया गया था। सर्वे के बाद नवंबर महीने में राज्य सरकार को इससे संबंधित रिपोर्ट जमा की गई थी।

सर्वे के अनुसार, सबसे ज्यादा गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे पश्चिमी यूपी के मुरादाबाद में पाए गए। यहां 550 मदरसे ऐसे थे जिन्होंने उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन से मान्यता नहीं ली थी। यूपी के सिद्धार्थ विहार (550) , बहराइच (525) का नंबर आता है। उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन का गठन साल 2017 में किया गया था। इसका मकसद मदरसों में कथित “अनियमितताओं” को दूर करना है।