उत्तर प्रदेश में मानसून की मार से हालात बेहद चिंताजनक हो गए हैं। लगातार हो रही भारी बारिश ने राज्य के 22 जिलों को बाढ़ की चपेट में ला दिया है। गंगा, यमुना, घाघरा, शारदा, सरयू और राप्ती समेत कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। गांव-देहात से लेकर शहरों तक, जलभराव और बाढ़ ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पिछले 24 घंटों में बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं में 10 लोगों की मौत हो चुकी है।
हरदोई, गोंडा, गाजीपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और औरैया में डूबने व मकान गिरने जैसी घटनाएं सामने आई हैं। फतेहपुर में सर्पदंश से एक व्यक्ति की मौत हुई। सरकार ने राहत-बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें सक्रिय कर दी हैं। बाढ़ चौकियों को पूरी तरह सतर्क कर दिया गया है, लेकिन हालात पर पूरी तरह नियंत्रण अब भी नहीं है।
प्रयागराज में पानी घटने पर भी घर लौटने से डर रहे लोग
प्रयागराज में यमुना और गंगा का जलस्तर भले धीरे-धीरे कम हो रहा हो, मगर करेली, सलोरी, सदियापुर, गड्डा कॉलोनी जैसे इलाकों में अब भी पानी भरा है। नगर निगम की ओर से सफाई और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन बाढ़ पीड़ित राहत शिविरों में ही डटे हैं। उन्हें डर है कि कहीं दोबारा पानी न भर जाए, जिससे फिर रातोंरात पलायन करना पड़े।
आठ जिलों में रेड अलर्ट, लखनऊ में स्कूल बंद
बदायूं, बलिया, वाराणसी, गाजीपुर, लखीमपुर, अयोध्या और मुरादाबाद जैसे जिलों में नदियां उफान पर हैं। मौसम विभाग ने लखनऊ, अमेठी, अयोध्या, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा और बहराइच समेत आठ जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। लखनऊ में हालात को देखते हुए डीएम ने कक्षा आठ तक के सभी स्कूल बंद करने के आदेश दे दिए हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर पश्चिम भारत से गुजर रही मानसूनी ट्रफ लाइन और पश्चिमी विक्षोभ के कारण यूपी के कई इलाकों में बादल गहराए हुए हैं। लखीमपुर से लेकर अयोध्या और लखनऊ तक का क्षेत्र इस समय भारी बारिश के दायरे में है। बिजली गिरने और तेज हवाओं के साथ भारी वर्षा की आशंका बनी हुई है। कई जगहों पर बच्चे स्कूल जाते वक्त ही बारिश की चपेट में आ गए। हालात को देखते हुए प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है।