योगी की सरकार हो या फिर किसी और की, मजाल है कि सरकारी व्यवस्था सुचारू तरीके से काम कर ले। जी हां हम बात यूपी के स्वास्थ्य विभाग की बात कर रहे हैं। जहां हाल ये है कि एक पिता अपनी मृत बेटी का शव लिए घंटों एंबुलेंस का इंतजार करता है फिर भी नहीं मिलती है। अंत में थक हार कर वो ई-रिक्शा पर अपनी बेटी का शव को लेकर घर गया।
ये स्थित तब नजर आ रही है जब खुद उप मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए निगरानी कर रहे हैं। जिसके बावजूद विभाग के कर्मचारी अपनी हरकतों को ठीक नहीं कर पा रहे हैं। बीते बुधवार को यूपी के फिरोजाबाद में स्थित सरकारी ट्रामा सेंटर में बीजेपी के नगर निगम पार्षद धर्मपाल राठौर की बेटी भर्ती थी। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
वार्ड नंबर 36 के पार्षद हैं धर्मपाल राठौर
बेटी की मौत हो जाने के बाद जब पिता शव को घर ले जाने के लिए हॉस्पिटल से एंबुलेंस के लिए गुहार लगाई, लेकिन एक घंटे बीत जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं होने पर वो ई-रिक्शा से बेटी के शव को लेकर घर आए। इस मामले पर हॉस्पिटल के अधिकारियों का कहना है कि एंबुलेंस किसी दूसरे जगह गया था। हालांकि इस मामले की जांच की जा रही है।
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फिरोजाबाद नगर निगम के वार्ड नंबर 36 से नगर निगम पार्षद धर्मपाल राठौर की 12 वर्षीय बेटी खुशी बुधवार को खेलते- खेलते अचानक गिर गई। जिस कारण से उसे गंभीर चोट आई। आनन-फानन में परिजन खुशी को लेकर ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचे। जहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई। बच्ची की मौत के सदमे में पार्षद को शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिला।
इस पूरे मामले पर भाजपा पार्षद धर्मपाल का कहना है कि जब सत्तारूढ़ दल के पार्षद का ये हैं तो सोचिए एक आम आदमी का क्या होता होगा। जबकि सरकार का आदेश है कि ट्रामा सेंटर के बाहर हर समय शव ले जाने वाली एंबुलेंस मौजूद रहे। हालांकि ये कोई नई बात नहीं है कि किसी शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिला हो। आए दिन लापरवाही सामने आती रहती है।
