‘हाईटेक’ सिटी बसाने के नाम पर हजारों खरीदारों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंसल ग्रुप के खिलाफ कड़ा रवैया अपनाया है। उन्होंने लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को इस मामले की पूरी जांच करने और जरूरत पड़ने पर कड़े कदम उठाने का आदेश दिया है। सरकार के आदेश पर अब सिर्फ लखनऊ ही नहीं, नोएडा समेत पूरे प्रदेश में अंसल ग्रुप से जुड़े मामलों की पड़ताल शुरू हो गई है। सरकार का साफ कहना है कि अगर एक भी होम बायर के साथ धोखा हुआ है, तो जिम्मेदार लोगों की संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी।

अंसल ग्रुप के खिलाफ बड़ा एक्शन

रियल एस्टेट का बड़ा नाम अंसल ग्रुप अब कानूनी संकट में घिरता नजर आ रहा है। विधानसभा में मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया और कहा कि जिन लोगों ने होम बायर्स को ठगा है, वे बच नहीं पाएंगे। उनके इस बयान के बाद एलडीए ने अंसल ग्रुप के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी, जिससे इस मामले ने और तूल पकड़ लिया।

एफआईआर के मुताबिक, अंसल ग्रुप और इसके प्रमोटर्स पर 5,000 से ज्यादा होम बायर्स से धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं। एलडीए के अमीन अर्पित शर्मा की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत लखनऊ के गोमती नगर थाने में मामला दर्ज किया गया है। इस एफआईआर में अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रमोटर सुशील अंसल, उनके बेटे प्रणव अंसल, सुनील कुमार गुप्ता, फ्रेन्सेटी पैट्रिका अटकिंशन और निदेशक विनय कुमार सिंह का नाम शामिल है।

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योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (सपा) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा सरकार के दौरान अंसल ग्रुप को बेधड़क भ्रष्टाचार करने का मौका मिला था। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और अगर जरूरत पड़ी, तो उन्हें पाताल से भी खोजकर सजा दी जाएगी।

इस विवाद के बीच हजारों निवेशकों का गुस्सा भी फूट पड़ा। लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे निवेशकों का आरोप है कि उन्होंने अंसल ग्रुप में करोड़ों रुपये लगाए, लेकिन न तो उन्हें घर मिला और न ही उनका पैसा वापस हुआ। कई निवेशकों को जब यह पता चला कि अंसल ग्रुप दिवालिया होने की कगार पर है, तो उन्होंने सरकार से गुहार लगाई। इसी का नतीजा है कि अब सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाया है।

योगी सरकार की इस कार्रवाई से उन हजारों लोगों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है, जो सालों से अपने हक के लिए भटक रहे थे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को सजा दिलाने के साथ-साथ होम बायर्स को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।