UP Assembly Budget Session: आज से यूपी विधानमंडल का बजट सत्र शुरू हो रहा है। पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण से पहले ही विपक्ष ने योगी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सदन को संबोधित करते हुए बजट सत्र की शुरुआत की है। इसके बाद आगामी 20 फरवरी को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना योगी सरकार का 9वां बजट पेश करेंगे। लेकिन इस सत्र में महाकुंभ में हुई भगदड़, मिल्कीपुर उपचुनाव समेत कई मामलों को लेकर विपक्ष योगी सरकार को घेरने की तैयारी में है। इसी दौरान कई विधायक बैनर और तख्ती लेकर विधानसभा पहुंचे हैं। जबकि कुछ विधायक अस्थि कलश लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
बजट सत्र के पहले दिन समाजवादी पार्टी के नेता और MLC आशुतोष सिन्हा साइकिल से अस्थि कलश लेकर विधानसभा पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि ये अस्थि कलश सरकार को नैतिकता सिखाने के लिए है। वो इसे लोकतंत्र के मंदिर में स्थापित करेंगे। इसके साथ ही सिन्हा ने कहा कि वो महाकुंभ हादसे को लेकर सरकार से सवाल करेंगे। सपा विधायक अतुल प्रधान विधानसभा के बाहर जंजीर पहनकर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे हैं।
अभिभाषण का भी होगा विरोध
बजट सत्र को लेकर सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि हम राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विरोध करेंगे क्योंकि वह सरकार की झूठी तारीफ करेंगी। यह सरकार पहले परीक्षा के पेपर लीक कराती थी और अब राज्यपाल का भाषण भी लीक हो गया है। यह सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है।
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वहीं विपक्ष द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर कैबिनेट मंत्री और सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर ने कहा कि विपक्ष का काम विरोध करना है और सरकार का काम विकास कार्य करना है। इसलिए विपक्ष को विरोध करने दीजिए, हम अपना काम कर रहे हैं।
सदन की कार्यवाही में बाधा डालना विपक्ष का काम
वहीं बजट सत्र को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आज विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही कल से सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर भी चर्चा होगी। 20 फरवरी को सदन में उत्तर प्रदेश का वर्ष 2025-26 का आम बजट पेश किया जाएगा। सत्र 18 फरवरी से 5 मार्च तक प्रस्तावित किया गया है। यह सत्ता पक्ष की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि विपक्ष की भी उतनी ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
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इसके साथ ही योगी ने कहा कि सदन को चर्चा का मंच बनना चाहिए। पिछले लगभग 8 वर्षों में डबल इंजन वाली बीजेपी की सरकार ने सदन के अंदर की चर्चाओं के साथ-साथ भाषण के माध्यम से भी इसकी झलक देखी है। मुद्दे उठाते हैं और सदन की कार्यवाही में बाधा डालने की कोशिश करते हैं। अगर विपक्ष सार्थक चर्चा को आगे बढ़ाने में मदद करता है तो मेरा अनुमान है कि यह बहुत अच्छा सत्र हो सकता है।