उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता ने पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के साथ कथित तौर पर मिलीभगत के लिए तत्कालीन जांच अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए सीबीआई से संपर्क किया है। पीड़िता ने दावा किया कि उसे और उसके परिवार को धमकियों का सामना करना पड़ रहा है।
सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा हाल ही में सशर्त जमानत दिए जाने के बाद यह मुद्दा चर्चा में आ गया है। हालांकि, सेंगर जेल में ही रहेगा, क्योंकि वह बलात्कार पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में 10 साल की सजा भी काट रहा है।
पीड़िता और उसकी मां ने शनिवार को सीबीआई के अफसरों से मुलाकात की और इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता ने एएनआई से कहा, “अगर सीबीआई मेरे वकील के साथ खड़ी होती, तो हमें यह दिन नहीं देखना पड़ता। हम जीत जाते और वे हार जाते।”
पीड़िता ने सीबीआई को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि जांच अधिकारी ने दुर्भावना से और गलत तरीके से इस तरह से जांच की, ताकि सेंगर और अन्य आरोपियों को जानबूझकर की गई चूक और पेश किए गए तथ्यों में हेरफेर का फायदा मिल सके।
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नकली दस्तावेजों के इस्तेमाल का आरोप
पीड़िता ने आरोप लगाया कि अधिकारी ने चार्जशीट में नकली स्कूल दस्तावेजों का इस्तेमाल किया, जिसमें उसे एक सरकारी स्कूल की छात्रा के रूप में दिखाया गया और उसकी जन्मतिथि भी अलग दिखाई गई, जबकि वास्तव में उसने कभी उस स्कूल में दाखिला लिया ही नहीं था।
पीड़िता ने यह भी दावा किया कि अधिकारी ने चार्जशीट में उल्लेख किया है कि वह हीरा सिंह नाम की एक महिला का मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रही थी, जबकि उसने कभी उसके फोन का इस्तेमाल नहीं किया।
पहले भी की थी शिकायत- पीड़िता
छह पन्नों की शिकायत में पीड़िता ने दावा किया कि उसने पहले भी शिकायत की थी लेकिन अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़िता 2017 में बलात्कार की घटना के दौरान नाबालिग थी।
सोनिया-राहुल से मिलीं थी पीड़िता
उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता ने कुछ दिन पहले कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मिलीं थी। मुलाकात के बाद पीड़िता ने कहा था, ‘देश में यह ऐसा पहला आदेश है कि बलात्कार के मामले में सजा पर रोक लगाई गई और जमानत दी गई। देश की सभी बेटियां डरी हुई हैं कि कहीं उनके साथ बलात्कार न हो जाए और अपराधी बच न निकलें… उन्हें हमसे 5 किलोमीटर दूर रहने का आदेश देकर उन्होंने हमें घरों में कैद कर दिया है… मुझे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है कि वह हमें न्याय दिलाएगा।’
पीड़िता ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलना चाहती हैं। उन्होंने कहा था कि वह सभी से मिलकर अपना दुख-दर्द बताना चाहती हैं और इंसाफ चाहती हैं।
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