उन्नाव रेप मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मिली सजा को दिल्ली हाई कोर्ट ने निलंबित कर दिया था। इस मुद्दे पर उठे विवाद के बीच कुलदीप सेंगर की बेटी ने लोगों से शांति और संयम बनाये रखने की अपील की है। कुलदीप सेंगर की बेटी ऐश्वर्या सेंगर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक पोस्ट शेयर कर उन्नाव के लोगों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है। ऐश्वर्या सेंगर अपने पिता की वकील भी हैं।

धरना-प्रदर्शन न करें- कुलदीप सेंगर की बेटी

ऐश्वर्या सेंगर ने कहा कि किसी भी प्रकार के धरना-प्रदर्शन का रास्ता न अपनाया जाए और न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा रखा जाए। ऐश्वर्या ने अपनी पोस्ट में लिखा, “मेरा उन्नाव के सभी लोगों से सादर निवेदन है कि कृपया किसी भी प्रकार के धरने का मार्ग न अपनाएं। आप सभी हमारे परिवार की तरह हैं और इस कठिन समय में हमें धैर्य नहीं खोना है। हमें न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है। आपका संयम और आशीर्वाद हमारी हिम्मत है।”

दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता के समर्थकों में आक्रोश देखा जा रहा है। दिल्ली में विभिन्न सामाजिक संगठनों और विपक्षी नेताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिये हैं। सोशल मीडिया पर भी इस फैसले को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

Unnao Rape Case: उन्नाव रेप केस में सीबीआई पहुंची सुप्रीम कोर्ट, कुलदीप सेंगर की जमानत के फैसले को दी चुनौती

सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट उन्नाव बलात्कार मामले में निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस जे.के. माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की अवकाशकालीन पीठ इस मामले की सुनवाई कर सकती है।

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित करने के बाद उसे जमानत दी है। हालांकि, सेंगर अभी जेल में ही रहेगा, क्योंकि वह रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत से जुड़े मामले में 10 साल की सजा भी काट रहा है। इस मामले में भी सेंगर ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर रखी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 1984 के एआर अंतुले केस के ऐतिहासिक फैसले का हवाला देते हुए कुलदीप सेंगर को तकनीकी रूप से लोकसेवक मानने से इनकार कर दिया। यह भी पढ़ें: सेंगर की सजा निलंबित करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं महिला वकील