केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को बिहार में बीजेपी के नेताओं को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश दिया। बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह ने पटना में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और उनके साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा की।
इस दौरान विधानसभा चुनाव के लिए बनाए गए प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अलावा राज्य के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े और राष्ट्रीय सचिव (संगठन) बीएल संतोष सहित शीर्ष नेता मौजूद थे।
बिहार चुनाव में ‘घुसपैठियों’ को मुख्य मुद्दा क्यों बनाना चाहती है BJP?
बैठक पार्टी के बिहार मुख्यालय, बीरचंद पटेल मार्ग पर आयोजित की गई थी। शाह शनिवार को सरायरंजन (समस्तीपुर) और फारबिसगंज (अररिया) का दौरा करेंगे, जहां वह उत्तर बिहार के इन दो जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श करेंगे।
एक हफ्ते में दूसरी बार बिहार पहुंचे शाह
शाह का यह एक सप्ताह में दूसरा बिहार दौरा है। उन्होंने 19 सितंबर को रोहतास और बेगूसराय जिलों में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।
बीजेपी ने धर्मेंद्र को इस वजह से बनाया बिहार चुनाव का ‘प्रधान’
शुक्रवार को दिन की शुरुआत में गृह मंत्री ने पश्चिम चंपारण के मुख्यालय बेतिया में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। शाह ने X पर बैठक की तस्वीरें साझा करते हुए कहा, “सारण और चंपारण क्षेत्रों के वरिष्ठ पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए निर्देश दिए। इस क्षेत्र में 45 विधानसभा क्षेत्र हैं, जो राजग की शानदार जीत सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”
बिहार में बीजेपी के सहयोगी दलों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू, चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के साथ ही राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा भी इस गठबंधन में शामिल है।
दूसरी ओर, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि उनकी पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए राजद के साथ गठबंधन की इच्छा जताई थी लेकिन वहां से सकारात्मक जवाब नहीं मिला। हैदराबाद के सांसद ओवैसी इन दिनों पूर्वी बिहार के सीमांचल क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं।