केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने बुधवार को राज्यों से कहा कि वे सूखे से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान तलाशें। उमा ने राज्यों को आश्वस्त किया कि केंद्र सूखे जैसी आपदा से मुकाबले के लिए उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराएगा। द एनर्जी एंड रिर्सोसेज इंस्टीट्यूट (टेरी) की ओर से यहां आयोजित ‘इंडिया वॉटर फोरम’ के दौरान उमा ने कहा, आपको (राज्यों को) ऐसे हालात के लिए तैयार रहना चाहिए । सूखे से निपटने के लिए तैयारियां पहले से ही की जा सकती हैं। हमें दीर्घकालिक समाधान तलाशना चाहिए ना कि अल्पकालिक।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें देश में संकट के हालात के बारे में पता है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से भारत इन समस्याओं से जूझ रहा है। उन्होंने यह चिंता भी जताई कि हरियाणा और पंजाब जैसे समृद्ध राज्यों ने भूजल का दुरुपयोग किया है और उनके ज्यादातर खंड अब डार्क जोन के दायरे में आते हैं। ‘डार्क जोन’ ऐसे इलाकों को कहा जाता है जहां भूजल का दोहन इतना ज्यादा हो चुका होता है कि स्थिति नाजुक हो गई हो।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनके 70 फीसद से ज्यादा खंड अब डार्क जोन में आते हैं। तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पहले भी पानी की किल्लत वाले हालात पैदा हुए हैं। लेकिन पंजाब और हरियाणा एक दुखद कहानी बयान करते हैं। उमा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों से कहा है कि वे संकट की स्थिति से जूझ रहे राज्यों की हरसंभव मदद करें ।

उन्होंने कहा कि भारत ने पहले भी मुश्किल समय देखे हैं, लेकिन अपनी मजबूत भावना के कारण ऐसी स्थिति से उबरने में सफल रहा है । भारत मौजूदा हालात से भी उबर जाएगा । गंगा की सफाई के मुद्दे पर उमा ने कहा कि अब तक की कहानी यह थी कि कैसे एक पवित्र नदी को बर्बाद किया गया। लेकिन एनडीए सरकार सुनिश्चित करेगी कि अब कहानी यह हो कि कैसे एक नदी को बचाया जा सकता है ।

उन्होंने कहा कि नदियों को जोड़ने की परियोजना पर कोई विवाद नहीं है और इस पहल से बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों का अतिरिक्त पानी सूखे क्षेत्रों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। उमा ने भूजल स्तर में सुधार लाने के लिए बजट में 60 करोड़ रुपए की रकम को बढ़ाकर 6,000 करोड़ रुपए कर दिए जाने को लेकर भी सरकार की तारीफ की।