महाराष्ट्र में जहां शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने को तैयार हैं, वहीं उनकी पार्टी ने राकांपा प्रमुख शरद पवार की तारीफ में गुरुवार (28 नवंबर) को ढेरों कसीदे पढ़े। इसके साथ उन्हें राज्य की अगली सरकार का ‘मार्गदर्शक’ भी बताया। बता दें कि भले ही शिवसेना हिंदुत्व विचारधारा में यकीन करती हो, लेकिन राज्य में सरकार बनाने के लिए उसने राकांपा और कांग्रेस के साथ ‘महा विकास अघाड़ी’ गठबंधन बनाया है। पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर भाजपा के साथ हुई तकरार के बाद वह पार्टी से अलग हो गई। मामले में मराठी प्रकाशन सामना ने कहा, ‘राज्य के विकास को लेकर तीनों दलों में किसी तरह का कोई भ्रम नहीं है।’
शरद पवार निकले ‘मैन ऑफ द मैच’: शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के गठबंधन को आगे लाने में शरद पवार के प्रयासों को स्वीकार किया गया है। राकांपा प्रमुख ने अजित पवार से मंगलवार (26 नंवबर) को बात कर उन्हें भाजपा को समर्थन देने के उनके फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा था। गौरतलब है कि उनके भतीजे के इस यू-टर्न का श्रेय पवार को ही दिया जा रहा है और उन्हें राज्य के सियासी ड्रामे का ‘मैन ऑफ द मैच’ बताया जा रहा है।
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महाराष्ट्र में हुए ‘नए सूर्योदय’- शिवसेनाः मामले में शिवसेना ने कहा, ‘शरद पवार जैसे मजबूत एवं अनुभवी मार्गदर्शक हमारे साथ हैं। यह सरकार किसी के भी खिलाफ खराब मंशा के साथ काम नहीं करेगी।’ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा के सरकार बनाने में नकाम रहने के बाद, शिवसेना ने राजनीतिक आयाम में हुए इस परिवर्तन को महाराष्ट्र में ‘नए सूर्योदय’ के समान बताया है।
राज्य में देश की आजादी की तरह खुशीः मराठी दैनिक में यह भी कहा गया, ‘राज्य में खुशी के नए माहौल की तुलना 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिलने के समय पूरे देश को मिली खुशी से की जा सकती है।’ शिवसेना ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य के शासन तंत्र का प्रयोग किसी के भी खिलाफ साजिश रचने के लिए नहीं किया जाएगा।
झूठ बोलने वालों से शिवसेना ने नहीं मिलाया हाथः सामना में कहा गया, ‘इस वक्त जब देश भर के प्रमुख नेता दिल्ली के शासकों के सामने घुटने टेक रहे हैं, ऐसे में उद्धव ठाकरे ही हैं जो दवाब की इस तरह की चालों के सामने झुके नहीं। उन्होंने अपने गौरव से समझौता नहीं किया और उन लोगों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया जिन्होंने उनसे ‘झूठ’ बोला।’ संपादकीय में यह भी कहा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार को यह कह कर कोसा था कि तीन पहियों पर टिका शासन नहीं चल सकता लेकिन यह उनका ‘भ्रम’ है।