Symbol Controversy in Shivsena: महाराष्ट्र में शिवसेना पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर खड़ा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार (10 अक्टूबर) को उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना के चुनाव चिन्ह और नाम पर लगाई गई रोक को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। शिवसेना को लेकर दो गुटों (उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट) में पिछले कई दिनों से सियासी खींचतान चल रही थी। दोनों गुटों में इस बात को लेकर होड़ मची है कि वो ही बाला साहेब ठाकरे की असली शिवसेना है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार के चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट और उनके प्रतिद्वंद्वी एकनाथ शिंदे गुट को मुंबई के अंधेरी पूर्व में आगामी उपचुनाव में एक नया नाम और नया चुनाव चिन्ह चुनने के लिए कहा है। चुनाव आयोग ने पहले प्रतिद्वंद्वियों को पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर अपने दावे का समर्थन करने के लिए आठ अगस्त तक दस्तावेजों के सबूत जमा करने को कहा था।
उद्धव ठाकरे गुट ने मांगा 4 सप्ताह का समय
इसके पहले इस विवाद में शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग से 4 अक्टूबर को अंधेरी ईस्ट विधानसभा उपचुनाव के लिए धनुष-बाण का चुनाव चिन्ह मांगा था। वहीं उद्धव ठाकरे गुट के अनुरोध की समय सीमा 7 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई थी। उद्धव ठाकरे गुट ने शनिवार को अपना जवाब दिया और प्रतिद्वंद्वी गुट द्वारा जमा किए गए दस्तावेज़ों को ध्यान से समझने के लिए चार और सप्ताह मांगे।
अब गेंद चुनाव आयोग के पाले में
वहीं इसके पहले अंधेरी ईस्ट सीट के उप चुनाव के लिए शिंदे गुट और उद्धव गुट ने अपनी-अपनी पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न चुनाव आयोग को सौंप दिए थे। जिसके बाद अब आयोग को इस का निर्णय करना है कि किस गुट को क्या चुनाव चिन्ह मिलेगा। चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि दोनों गुटों ने अपने वकीलों के माध्यम से लिस्ट उनके पास भेजी है। आयोग ने कहा था कि उद्धव व शिंदे गुट शिवसेना के नाम व निशान का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। नए चुनाव चिह्न व नाम को लेकर दोनों गुटों को आज तक का समय दिया गया था।