उदयपुर कन्हैलाल हत्‍याकांड के आरोपियों को जयपुर की NIA की स्पेशल कोर्ट में शनिवार (2 जून, 2022) को पेश किया गया। इस दौरान कोर्ट परिसर में मौजूद वकीलों ने जमकर नारेबाजी करते हुए हत्यारोपियों को फांसी देने की मांग की।

पुलिस ने आरोपी गौस मोहम्मद और रियाज अंसारी को हत्या के दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। जबकि मोहसिन और ऑसिफ को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार किया था। वहीं शनिवार को भी पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।

हत्यारोपी गौस मोहम्मद और रियाज अंसारी को को गुरुवार देर रात उदयपुर से अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल भेजा गया था। अजमेर जेल में दोनों को अलग-अलग सेल में रखा गया था। वहीं मोहसिन और ऑसिफ को कोर्ट ने एक दिन की ट्रॉजिट रिमांड पर भेजा था। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 24 घंटे के भीतर पेश करने को कहा था। इसी कड़ी में शनिवार को सभी आरोपियों को एनआईए कोर्ट में पेश किया गया। यहां मौजूद वकीलों ने आरोपियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए, फांसी देने की मांग की।

बता दें, 28 जून को उदयपुर में दो लोगों ने टेलर कन्हैयालाल की दुकान के अंदर घुसकर हत्या कर दी थी। आरोपियों ने इस दौरान वीडियो भी बनाया था। साथ ही पीएम मोदी को भी मारने की धमकी दी थी। घटना के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पूरे मामले की जांच NIA कर रही है।

हत्यारोपियों का पाकिस्तानी कनेक्शन
प्रारंभिक जांच के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पाया है कि उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या काफी सतर्कता के साथ की गई थी और पाकिस्तान में रहने वाले व्यक्ति ने हत्यारे मोहम्मद गौस को हत्या के लिए उकसाया था। पाकिस्तान में बैठे “सलमान भाई” नाम के व्यक्ति ने मोहम्मद गौस से कहा था कि तुम्हें कुछ शानदार करना चाहिए क्योंकि शांतिपूर्ण विरोध का कोई परिणाम नहीं होता है।

सूत्रों के मुताबिक मोहम्मद गौस दिसंबर 2014 में दावत-ए-इस्लामी के निमंत्रण पर 45 दिनों के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पाकिस्तान गया था। दावत-ए-इस्लामी पाकिस्तान स्थित एक कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है। उसने बताया कि जनवरी 2015 में लौटने के बाद वह कुछ व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल हो गया और पाकिस्तान में बैठे “सलमान भाई और अबू इब्राहिम” नाम के शख्स के संपर्क में था।

एनआईए की प्रारंभिक जांच के अनुसार मोहम्मद गौस और रियाज ने 10 जून से 15 जून के बीच ही हमले की योजना बनाना शुरू कर दिया था। उन्होंने एजेंसी को बताया कि कन्हैयालाल के दुकान के पास ही रहने वाले “बबला भाई” ने 10 से 11 लोगों की पहचान की थी और उन पर हमला करने के लिए अलग-अलग लोगों को काम सौंपा था। नूपुर शर्मा की टिप्पणी से ही यह लोग नाराज थे।