उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की के साथ हुई बर्बरता पर पूरे देश में गुस्सा है। इस बीच कई खुलासे होने के बाद यह मामला काफी जटिल बनता जा रहा है। दरअसल, पहले खुलासा हुआ था कि जिस लड़की की हत्या हुई है, उसके और आरोपियों के बीच कुछ ही महीनों के अंतराल में 100 से ज्यादा फोन कॉल हुए। अब इस मामले में एक चिट्ठी आई है, जिसे कथित तौर पर आरोपियों ने लिखा है। इसे हाथरस के एसपी के नाम पर लिखा गया है और चिट्ठी में सभी ने अपने अंगूठे के निशान भी लगाए हैं।
क्या है चिट्ठी में?: सोशल मीडिया पर पहले ही वायरल हो चुकी इस चिट्ठी को संदीप नाम के एक आरोपी की ओर से लिखा गया है। संदीप ने कहा है कि वह पूरी तरह निर्दोष है और बाकी तीनों का भी इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। चिट्ठी में संदीप ने कहा है, “मेरी लड़की के साथ दोस्ती थी मुलाकात के साथ मेरी फोन पर उससे बात हो जाती थी। हमारी दोस्ती उसके घर वालों को नहीं पसंद थी। घटना के दिन मेरी उससे खेतों पर मुलाकात हुई थी। उसके साथ उसकी मां और भाई थे। उसके कहने पर मैं अपने घर चला गया। बाद में मुझे गांव वालों से पता चला कि लड़की की मां और भाई ने उसे मारा-पीटा, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं और बाद में वह मर गई।”
चिट्ठी में आगे लिखा है, “मैंने कभी लड़की के साथ मारपीट या गलत काम नहीं किया। इस मामले में उसकी मां और भाई ने मुझे और तीन अन्य लोगों को झूठे आरोप में फंसा कर जेल भिजवा दिया। हम सभी निर्दोष हैं। कृपया इस मामले की जांच कराकर हमें न्याय दिलाने की कृपा करें।”
चिट्ठी में 7 अक्टूबर 2020 यानी एक दिन पहले की ही तारीख पड़ी है। इसमें संदीप के साथ बाकी तीन आरोपी- लवकुश, रवि और रामू के भी अंगूठे लगे हैं। हालांकि, एसपी हाथरस विनीत अग्रवाल ने मीडिया चैनल उन्हें अब तक इस चिट्ठी की हार्ड कॉपी नहीं मिली है। सिर्फ सोशल मीडिया पर ही कुछ कॉपी देखने को मिली हैं। एक बार इस चिट्ठी की ओरिजनल कॉपी मिलने के बाद ही इस मामले में कोई बयान दिया जा सकता है।
कैसे आई चिट्ठी बाहर?: अलीगढ़ जेल के एसपी आलोक सिंह ने कहा कि आरोपी संदीप सिंह ने एसपी के नाम लिखी यह चिट्ठी हमें दी थी। नियमों के मुताबिक, हमने इसे आगे बढ़ा दिया। इसमें आरोपी ने घटना पर अपनी बात रखी है। अब इसे जांच एजेंसी देखेंगी।