तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी देश के हर इलाके में अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहती है और एक महीने में इसके लिए योजना तैयार कर ली जाएगी।
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी हर उस राज्य में भाजपा से सीधे मुकाबला करना चाहती है जहां पर उसका आधार बन रहा है। पश्चिम बंगाल में इस बार भाजपा मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरा है। इसपर अभिषेक ने कहा, “हमारा लक्ष्य सिर्फ भाजपा को हराना नहीं है। हमारा लक्ष्य देश को बचाना और अपने संविधान की रक्षा करना है।”
तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ भाई-भतीजावाद का आरोप लगाने के लिए भगवा खेमे पर पलटवार करते हुए अभिषेक ने कहा “टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में मेरी नियुक्ति से भाजपा क्यों परेशान है?” उन्होंने कहा कि अगर संसद में ऐसा विधेयक पारित हुआ कि एक परिवार से एक ही व्यक्ति राजनीति में रहेगा तो वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे।
डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक बनर्जी ने आगे स्पष्ट किया कि वह अगले 20 साल तक कोई सार्वजनिक पद या मंत्री पद नहीं संभालना चाहते और केवल अपनी पार्टी की बेहतरी के लिए काम करते रहेंगे। सांसद ने कहा, ‘“मैं अगले 20 वर्षों के लिए कोई मंत्री पद नहीं चाहता। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह क्या अपने बीसीसीआई पद के बारे में ऐसा ही कह सकते हैं?
अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस द्वारा भाजपा को हराने के बाद हमें समूचे देश से एक लाख ई-मेल मिले हैं। हम हर उस राज्य में भाजपा से मुकाबला करेंगे जहां पर तृणमूल कांग्रेस का जनाधार बन गया है। ’’
ममता बनर्जी ने 5 जून को अभिषेक बनर्जी को बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपते हुए पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया है। महासचिव बनने के बाद अभिषेक बनर्जी ने पार्टी के यूथ विंग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।