दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के नजफगढ़ में 21 मई (मंगलवार) को चर्चित टिक-टॉक आर्टिस्ट मोहित मोर की हत्या के मामले में एक नई बात सामने आई है। 21 मई को हुई इस हत्या की वारदात के तार 19 मई को द्वारका मोड़ मेट्रो स्टेशन के पास हुए गैंगवॉर से जुड़े हैं। यह गैंगवॉर संदीप पहलवान उर्फ सिलोटिया के ज्योति नंदू गैंग और विकास दलाल के गैंग महल-सोलंकी के बीच हुआ था जिसमें विकास दलाल की मौत हो गई। गैंग के ज्योति और नंदू इस समय जेल में हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सामने ये मामला तब खुला जब उन्होंने चार शूटर्स में शामिल एक नाबालिग को पकड़ लिया। यह वही शूटर था जिसने मोहित के शरीर में 13 गोलियां दागी थीं। अन्य आरोपियों की पहचान पहलवान, विकास पीके और रोहित मलिकपुरिया के रूप में हुई। इन्हें पकड़ने के लिए पुलिस का तलाशी अभियान जारी है।
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साइबर कैफे में मारी गोलीः जिस समय मोहित को गोली मारी गई वह साइबर कैफे में था। जांच के दौरान पता चला कि मोहित को मंगू नाम के एक प्रॉपर्टी डीलर की हत्या के चलते मारा गया था। रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रॉपर्टी डीलर ने मोहन गार्डन के एक प्लॉट में मोहित के जरिये 30 लाख रुपये का निवेश किया था। ये पैसे पहलवान को दिए जाने थे। लेकिन यह सौदा नहीं हो सका क्योंकि विकास दलाल ने मंगू को पहले ही मार डाला। पहलवान ने मोहित से पैसे मांगे। हालांकि दलाल ने मोहित को सुरक्षा मुहैया कराई और पहलवान को दिए जाने वाले पैसे का भुगतान करने से रोक दिया। 19 मई को दलाल और उसके दो सहयोगियों भगत और अंकित ने मिलकर द्वारका मोड़ मेट्रो स्टेशन पर प्रवीण गहलोत नाम के एक शख्स को मार दिया। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दलाल को गोली मार दी। दलाल की मौत के बाद पहलवान ने मोहित को बुलाया और उससे पैसे मांगे, लेकिन मोहित ने पैसे देने से मना कर दिया। इसके बाद पहलवान ने मोहित को मारने के लिए सुपारी दे दी।
पुलिस ने आरोपी को दबोचाः डीसीपी (स्पेशल सेल) संजीव यादव ने कहा, ‘एसीपी संजय दत्त, इंस्पेक्टर तिलक बिष्ट और अन्य शामिल एक टीम को एक गुप्त सूचना मिली कि मोहित की हत्या के संदिग्धों में से एक द्वारका के गोल्फ कोर्स रोड पर आएगा। पुलिस ने वहीं जाकर आरोपी को दबोच लिया। उसके पास से एक पिस्टल और दो जिंदा कारतूस जब्त किए गए।
पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि एक आरोपी नाबालिग है। उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया। हत्या के समय उसके द्वारा पहने गए कपड़े भी बरामद किए गए। पुलिस ने बताया कि एक युवक से बदला लेने के लिए नाबालिग ने यह अपराध किया, जिसने एक मैच के दौरान क्रिकेट बैट से उसके साथ बेरहमी से मारपीट की थी, जिसके कारण उसे कई दिनों तक आईसीयू में रहना पड़ा था। डिस्चार्ज होने पर उसने पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं की और बदला लेने की कसम खाई। उसने फेसबुक पर पहलवान को ढूंढा और उसे अपने गिरोह में शामिल करने के लिए कहा। जब पहलवान ने उसका मजाक उड़ाया, तो नाबालिग ने उन्हें खुद को साबित करने के लिए एक मौका देने के लिए कहा। उसके बाद उसे सही समय का इंतजार करने के लिए कहा गया। 21 मई को नाबालिग को पहलवान से वॉट्सऐप पर किसी ने कॉल किया और उसे नजफगढ़ के एक पेट्रोल पंप पर मिलने बुलाया और कहा कि अब खुद को साबित करने का मौका आ गया है।
