Written By Jignasa Sinha
आप नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की सेल में दो कैदियों को भेजने के बाद चर्चाओं में आए तिहाड़ जेल के सुपरिटेंडेंट राजेश चौधरी शराब नीति मामले में भी छापेमारी और पूछताछ का सामना कर चुके हैं। जिस समय शराब नीति को दिल्ली में लागू किया गया था, उस वक्त चौधरी एक्साइज डिपार्टमेंट के असिस्टेंट कमिश्नर थे। उनके खिलाफ भी प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई करते हुए छापेमारी और पूछताछ की थी।
सत्येंद्र जेल की सेल में जेल प्रशासन को बिना बताए कैदियों को शिफ्ट करने के बाद चौधरी का ट्रांसफर जेल नंबर 1 में कर दिया गया है। दिल्ली एक्साइज मामले में जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया, “हमारे रिकॉर्ड्स के मुताबिक, पिछले साल 5 नवंबर को राजेश चौधरी के घर पर भी रेड मारी गई थी। उसी वक्त मनीष सिसोदिया के पर्सनल असिस्टेंट और केस से जुड़े अन्य अधिकारियों के यहां भी छापेमारी हुई थी। इसी दौरान, राजेश चौधरी से भी ईडी ने पूछताछ की थी।” सूत्रों के मुताबिक, चौधरी को एक्साइज विभाग में दो महीने के लिए असिस्टेंट कमिश्नर नियुक्त किया गया था।
जेल के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, “5 नवंबर को उनसे पूछताछ हुई थी और इसके बाद 13-15 नवंबर को उन्हें जेल नंबर 7 में ट्रांसफर कर दिया गया। हम रिकॉर्ड्स चेक करने के बाद इंक्वायरी बैठाएंगे।” वहीं, राजेश चौधरी ने भी यह बात स्वीकार की है कि ईडी ने उनके खिलाफ छापेमारी की थी, लेकिन इस छापेमारी में उन्हें कुछ नहीं मिला था। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राजेश चौधरी ने कहा, “मैंने जेल नंबर 7 में किसी के साथ मिलीभगत से काम नहीं किया। जब नीति लागू की गई थी तब मुझे असिस्टेंट कमिश्नर (एक्साइज) के रूप में नियुक्त किया गया था। मैं अन्य कार्य देख रहा था। ईडी को एक फर्जी सूचना मिली और मेरे घर पर छापा मारा, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। मुझसे भी पूछताछ की गई, लेकिन फिर कुछ नहीं हुआ। तब से, मुझे ईडी ने कभी नहीं बुलाया और ना ही केस में मुझे नामित किया गया।”
वहीं, उन्होंने सत्येंद्र जैन को जेल में सुविधा देने के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, “पिछले साल जब मेरा जेल नंबर 7 में ट्रांसफर किया गया था, तो मैंने जैन के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी क्योंकि उन्होंने मुझे और मेरे अधिकारियों को धमकी दी थी।” उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि फिर इस मामले में कोई कार्रवाई की गई या नहीं।
राजेश चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने सत्येंद्र जैन की मांग पर उनकी सेल में दो कैदियों को शिफ्ट कर दिया और इसके बारे में जेल प्रशासन को कोई जानकार नहीं दी गई। सत्येंद्र जैन ने कहा था कि उन्हें अपनी सेल में अकेलापन और डिप्रेशन महसूस हो रहा है इसलिए उनकी सेल में कुछ और कैदियों को भी शिफ्ट कर दिया जाए। चौधरी पर यह भी आरोप है कि उन्होंने जैन को बाहर का खाना, मालिश के लिए कैदियों को भेजा और उनकी सेल में अतिरिक्त कुर्सियां एवं गद्दे समेत अन्य सुविधाएं भी मुहैया करवाईं। जैन की सेल से कई वीडियो लीक होने के बाद पिछले दिसंबर में जांच शुरू की गई थी। जेल महानिदेशक, संजय बेनीवाल ने कहा कि चौधरी ने कैदियों को शिफ्ट करते समय उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
