राजस्थान के उदयपुर में तीन दिन तक चले कांग्रेस के चिंतन शिविर में फैसला लिया गया कि पार्टी से युवाओं को जोड़ने के लिए संगठन में पचास प्रतिशत पद 50 साल से कम उम्र वालों को दिया जाएगा। साथ ही चुनाव में पचास प्रतिशत टिकट 50 साल से कम उम्र वालों को मिलेगा। पर उम्र वाले प्रस्ताव पर गहलोत सरकार के एक मंत्री को ऐतराज है। कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मुद्दे पर कहा कि राजनीति में उम्र का पैमाना नहीं होना चाहिए।

इंडिया टुडे से बात करते हुए प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा है कि युवाओं को गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। सीनियोरिटी, अनुभव, उम्र बहुत कुछ सिखाता है। खाचरियावास ने कहा कि उनके अनुसार उम्र की बात करना अपनी कमजोरी को छुपाना है। उन्होंने कहा कि राजनीति में मेरी अलग सोच है। ये मेरी व्यक्तिगत सोच है कि राजनीति में उम्र के लिए कोई जगह नहीं है। हम सबको इस देश में प्रधानमंत्री की उम्र पता है।

जनता की आवाज नहीं समझी तो रिजल्ट नहीं: खाचरियावास ने कहा कि यंग लोगों को यह नहीं लगना चाहिए कि हम ही फिट हैं या हम ही अच्छा काम कर सकते हैं। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि अगर कांग्रेस या बीजेपी में कोई ताकतवर नेता को इसलिए रोक देंगे कि भाई यह तो इस परिवार का है, या यह उस परिवार का है तो कल दिक्कत खड़ी हो जाएगी। खाचरियावास ने कहा कि अगर हम जनता की आवाज नहीं समझेंगे, फिर रिजल्ट नहीं दे पाएंगे।

राजनीति में योग्यता मायने रखती है: प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि राजनीति में योग्यता है। उम्र सब कुछ नहीं है। जो जनता में लोकप्रिय हो, जिसे लोग पसंद करते हों उसे काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो जनता के बीच में खड़ा हो कर खून पसीना बहा सकता हो, जो काम कर सकता हो, उसको आगे आना चाहिए।

कैबिनेट मंत्री खाचरियावास ने कहा कि क्या यह कांग्रेस या फिर बीजेपी तय करेगी कि जिसकी उम्र हो गयी है उसके साथ क्या किया जाना चाहिए? जब पार्टियां जनता की पसंद को समझेंगी, संघर्ष को मानेगी और उम्र को महत्व न देकर यह महसूस करेंगी कि जनता में इसकी आवाज है तब ही फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब तक हम जनता की आवाज नहीं समझेंगे, परिणाम नहीं दे पाएंगे।