राजधानी दिल्ली में इस साल डेंगू के 55 मामले आए हैं। नगर निगम द्वारा सोमवार को जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि 2018 के बाद इस साल एक जनवरी से सात अगस्त की अवधि के दौरान डेंगू के मामलों की संख्या सबसे अधिक है। 2018 में इसी अवधि में डेंगू के 64 मामले आए थे।
सोमवार को जारी नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त महीने में तीन मामले सामने आए। डेंगू के मच्छर साफ, ठहरे पानी में पनपते हैं, जबकि मलेरिया के मच्छर गंदे पानी में भी पनपते हैं। मच्छरजनित बीमारियों के मामले आमतौर पर जुलाई और नवंबर के बीच दर्ज किए जाते हैं, लेकिन यह अवधि दिसंबर के मध्य तक बढ़ सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी में कोई मामला नहीं आया जबकि फरवरी में दो, मार्च में पांच, अप्रैल में 10, मई में 12, जून में सात और जुलाई में 16 मामले दर्ज किए गए। रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्षों में, इसी अवधि में 2016 में 171, 2017 में 251, 2018 में 64, 2019 में 47 और 2020 में 35 मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि अब तक शहर में डेंगू से किसी की मौत की खबर नहीं है। इस साल सात अगस्त तक मलेरिया के 24 और चिकनगुनिया के करीब 15 मामले भी सामने आ चुके हैं।
मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के साथ तेज बुखार भी होता है और इसलिए कोविड-19 का संदेह भी लोगों को होता है। पूर्वी निगम की स्थायी समिति ने 29 जुलाई को डेंगू ब्रीडिंग चेकिंग (डीबीसी) स्टाफ के 710 पद सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 39 मामले, एक की मौत
दिल्ली में सोमवार को कोविड-19 के 39 नए मरीजों की पुष्टि हुई और एक संक्रमित की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, शहर में संक्रमण दर 0.08 फीसद है। दिल्ली में कुल मामले 14,36,800 हैं जबकि 14.11 लाख लोग संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।
विभाग के मुताबिक, शहर में मृतकों की संख्या 25,067 है। रविवार को दिल्ली में 66 नए मामले आए थे और संक्रमण दर 0.10 फीसद थी। दिल्ली सरकार की ओर से जारी टीकाकरण बुलेटिन के मुताबिक रविवार को केवल 11 हजार टीके ही दिए गए, जिसमें 5700 लोगों को पहली खुराक दी गई जबकि 5300 लोगों को दूसरी खुराक लगी। बीते 24 घंटे में 46447 लोगों की कोरोना जांच की गई। जांच में 37870 लोगों की जांच आरटी-पीसीआर पद्धति से और 8577 लोगों की जांच रैपिड एंटीजेन टेस्ट के जरिए हुई। दिल्ली में अब तक ढाई करोड़ जांच हो चुकी है।
70 फीसद की जांच आरटीपीसीआर से : दिल्ली में पिछले तीन महीनों में कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए कुल जांचों में से 70 फीसद से अधिक जांच आरटी-पीसीआर से की गई हैं। जुलाई में 21.79 लाख नमूनों में से 15.18 लाख लोगों के नमूनों का परीक्षण आरटी-पीसीआर पद्धति से किया गया है।