बीजेपी की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने गुरुवार को अर्थव्यवस्था में मंदी से इंकार किया। कहा कि यह एक फेज है जो जल्द ही चला जाएगा। उन्होंने इसकी तुलना सांस से करते हुए इंसान सांस को अंदर बाहर करता रहता है, लेकिन शरीर अपना काम सुचारू रूप से करता रहता है। कहा कि जब ऐतिहासिक फैसले होते हैं तो कुछ लोगों को चुभते हैं और वे ध्यान भटकाने के लिए मंदी जैसे आरोप लगाते हैं। कहा कि मोदी सरकार के साहस को नकारने के लिए लोग मंदी-मंदी का शोर कर रहे हैं। कहा कि मंदी के दावे करने वालों में से कुछ जेल गए हैं, जैसे पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और कुछ अन्य लोगों ने स्वयं को ही जेल जैसे माहौल में बंद कर दिया है, जो जमीनी हकीकत से दूर हैं।
कहा- कहीं नहीं दिख रही मंदी : गुरुवार को देहरादून में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के लाभ के बारे में लोगों को जागरूक करने के देशव्यापी अभियान को लेकर आयोजित बीजेपी के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “मंदी तो सांसों के आरोह और अवरोध की तरह होता है। सांस नीचे होती है, सांस ऊपर होती है, लेकिन शरीर पूरा का पूरा चल रहा होता है। उसका फंक्शन चल रहा होता है। मुझे कहीं कोई मंदी का दौर नहीं दिखाई दे रहा है।”
राष्ट्रवाद में आक्रामकता एक आवश्यकता : भारती ने कहा कि आर्थिक विकास का आकलन करने के लिए कई तरीके हो सकते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी लोग बिना किसी भेदभाव के रोजगार और जीविका प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन आलोचकों को यह नहीं दिखेगा। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग मंदी की बात कर रहे हैं, “उनमें से कुछ जेल चले गए जैसे चिदंबरम जी, और बाकी के जो लोग हैं, वे एक प्रकार से जेल में ही रहते हैं” भारती ने यह भी कहा कि हिंदू और हिंदुत्व कभी भी आक्रामक नहीं हो सकते, लेकिन राष्ट्रवाद में आक्रामकता एक आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “हम आक्रामक राष्ट्रवाद की पूजा कर सकते हैं लेकिन आक्रामक हिंदुत्व की नहीं।”
धारा 370 और 35ए हटान ऐतिहासिक निर्णय : पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाना एक ऐतिहासिक फैसला है। कहा कि यह आसान काम नहीं था। विरोधी दलों और अलगाववादियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। कहा बहुत जल्दी ही आपके पास कश्मीर का वह हिस्सा भी होगा, जिस पर अभी पाकिस्तान ने जबरन कब्जा किया हुआ है। जिसे आप पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) कहते हैं। अयोध्या में जल्द ही राम मंदिर बनेगा और गंगा की निर्मलता और अविरलता दिखेगी। उन्होंने 26 जनवरी 1952 को जम्मू कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने के लिए निकाली गई तिरंगा यात्रा का भी जिक्र किया। कहा कि इस यात्रा में पांच लाख लोग शामिल हो गए तब विवश होकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 40 लोगों को तिरंगा फहराने के लिए जम्मू-कश्मीर भेजा

