हैदराबाद विश्वविद्यालय में एक राम मंदिर बनने के बाद स्टूडेंट यूनियन भड़क गए। दरअसल विश्वविद्यालय परिसर के अंदर एक पत्थर की संरचना रखी हुई थी जिसे राम नवमी के अवसर पर राम मंदिर के आकार का रूप दे दिया गया। इसके बाद वहां पर एबीवीपी के अलावा मौजूद अन्य छात्र संगठन भड़क गए और उन्होंने आरोप लगाया कि यह दक्षिणपंथियों द्वारा विद्यालय परिसर को भगवा करने का सामूहिक प्रयास है। वहीं विश्वविद्यालय ने अब इसे हटाने की बात कही है।
अंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (ASA) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) पर गैर-हिंदू छात्रों को कथित रूप से उकसाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। इस बीच एबीवीपी ने आधिकारिक तौर पर विवादास्पद ढांचे से खुद को दूर कर लिया और इसे छात्रों की धार्मिक स्वतंत्रता बताया। वहीं हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस तरह के किसी भी स्थायी धार्मिक ढांचे की स्थापना के खिलाफ अधिसूचना जारी करने की अपील की है।
एबीवीपी के श्रवण राज ने कहा कि, “एबीवीपी और श्रीराम नवमी उत्सव समिति ने उचित अनुमति लेकर गुरबख्श सिंह मैदान में रामनवमी समारोह का आयोजन किया। एबीवीपी का मंदिर से कोई संबंध नहीं है क्योंकि यह पहले से ही अस्तित्व में है। बोनालू जैसे अन्य त्योहार मंदिर में गैर-शिक्षण कर्मचारियों और अन्य लोगों द्वारा कई वर्षों से मनाए जाते हैं। कुछ छात्रों ने उस जगह की सफाई की और वहां पूजा की। अगर कोई छात्र अपनी आस्था या विश्वास का पालन करना चाहता है, तो उसे ऐसा करने की आजादी है।”
ASA के संयोजक और हैदराबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव गोपी स्वामी ने परिसर में एक स्थायी धार्मिक संरचना बनाने की आवश्यकता के बारे में हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि, “धार्मिक त्योहारों को आयोजित करने वाले छात्रों के साथ हमें कोई समस्या नहीं है। यह संविधान में दिया गया अधिकार है। विभिन्न धर्मों और मान्यताओं के छात्र परिसर में रहते हैं और मंदिर की क्या आवश्यकता है? इस तरह के धार्मिक ढांचे से अनावश्यक समस्याएं पैदा होंगी।”
बता दें कि सोमवार को हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रामनवमी पर मांसाहारी भोजन को लेकर हुई हिंसा की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। ठीक उसी समय एबीवीपी ने भी विरोध प्रदर्शन किया जो छात्र संघ के विरोध प्रदर्शन से कुछ ही मीटर की दूरी पर था।
