तेलंगाना के मेडक जिले में आठ व्यक्तियों की मौत और वारंगल में तीन व्यक्तियों की मौत की जानकारी मिलने के बाद राज्य में वर्षा संबंधी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। इनमें से तीन व्यक्तियों की मौत की जानकारी शनिवार (24 सितंबर) को मेडक जिले से मिली थी। इसके अलावा चार अन्य व्यक्तियों की मौत मेडक में शुक्रवार (23 सितंबर) को हुई थी। वारंगल में तीन व्यक्तियों की मौत होने की जानकारी दो दिन पहले मिली थी। पिछले कुछ दिनों से राज्य में भारी वर्षा होने के मद्देनजर मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने आज (रविवार, 25 सितंबर) अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को अपने अपने जिलों में रहने और बाढ़ की स्थिति की निगरानी करने तथा राहत एवं पुनर्वास कार्यों की निगरानी करने के लिए कहा।
बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर राव ने सोमवार (26 सितंबर) होने वाली कैबिनेट की बैठक रद्द कर दी और मंत्रियों से कहा कि वे जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समन्वय करके काम करें तथा यह सुनिश्चित करें कि निचले स्तर में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए। राव ने वारंगल जिला प्रशासन से हाईअलर्ट पर रहने का निर्देश दिया क्योंकि गोदावरी नदी पूरे उफान पर है। उन्होंने मंत्री टी नागेश्वर राव से कहा कि वह खम्माम जिले में पूरी सतर्कता रखे क्योंकि भद्रचालम में जल का स्तर खतरे के निशान पर पहुंच सकता है।
तेलंगाना में भारी बारिश से राजधानी हैदराबाद समेत राज्य के अन्य हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हो गया है। राव ने इससे पहले लोगों को जरूरी मदद के लिए राज्य के प्रत्येक जिले में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद एनडीआरएफ को किसी भी आपदा के समय मदद पहुंचाने के लिए हैदराबाद में तैयार रखा गया है। इसके अलावा बारिश से प्रभावित हैदराबाद और इसके पड़ोसी जिले रंगारेड्डी में सेना की चार टुकड़ियां पहले ही तैनात की गयी हैं। इस बीच वायुसेना ने आज (रविवार, 25 सितंबर) मध्य प्रदेश और ओड़िशा के 23 निर्माण मजदूरों को हेलीकॉप्टरों से निकाला जो मेडक जिले में एक द्वीप पर फंसे हुए थे।