Bihar News in Hindi: बिहार की सियासत आने वाले समय में किस करवट बैठेगी, यह देखने लायक होगा। राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू और राजद गठबंधन की सरकार है लेकिन अब राजद के एक विधायक ने बहुत बड़ा दावा कर दिया है। राष्ट्रीय जनता दल के विधायक विजय मंडल का दावा है कि अगले महीने होली के बाद तेजस्वी यादव राज्य के मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं उनको सत्ता सौंपेंगे। इस दावे के बाद राज्य की सियासी जगत में हलचलें तेज हो गई हैं। हालांकि जनता दल यू के प्रदेश अध्यक्ष ललन सिंह ने दावे को गलत बताते हुए कहा कि ऐसा कोई फैसला अभी नहीं हुआ है।

ललन सिंह बोले- सीएम का फैसला चुनाव के बाद विधायक करेंगे

ललन सिंह ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव 2025 में होंगे। नीतीश कुमार ने कहा था कि 2025 के चुनाव में गठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी यादव करेंगे। इसका सिर्फ इतना मतलब था कि उनके नेतृत्व में गठबंधन चुनाव लड़ेगा, लेकिन राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला विधायक ही करेंगे। फिलहाल अभी बिहार में चुनाव नहीं होने जा रहे हैं।

ललन सिंह ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल राज्य में बड़ी पार्टी है और उसके पास 80 विधायक हैं। जनता दल (यू) के पास सिर्फ 43 विधायक हैं। ऐसे में राजद के नेताओं की यह मांग रही है कि बड़ी पार्टी होने के नाते उनके नेता को ही सीएम होना चाहिए। ऐसी मांगे कई बार की जा चुकी हैं, लेकिन अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है।

बिहार में जबसे भाजपा के साथ जनता दल (यू) का गठबंधन टूटा है, तब से यह मांग तेज पकड़ती जा रही है कि राज्य में राजद के नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाया जाए। इसको लेकर उम्मीदें तब और बढ़ गई थीं, जब खुद सीएम नीतीश कुमार ने कुछ दिनों पहले कहा कि तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा था कि गठबंधन के नेता तेजस्वी यादव होंगे।

उपेंद्र कुमार ने फिर बोला नीतीश पर हमला

उधर, राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने फिर नीतीश कुमार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “मैं सीधे जनता के बीच जाऊंगा और कर्पूरी ठाकुर की विरासत को आगे बढ़ाऊंगा। जदयू को अब कोई नहीं बचा सकता।” उन्होंने कहा कि जदयू छोड़ने की साफ वजह है। लोगों ने कर्पूरी ठाकुर की विरासत की रक्षा के लिए नीतीश कुमार को वोट दिया। उन्होंने उसे ही छोड़ दिया। उन्होंने बिहार के लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं को परेशान किया। जदयू के पास अब कुछ नहीं बचा है और मैं एक तरफ खड़े होकर ऐसा नहीं देख सकता था।