राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि एक अधिकारी को मुख्यमंत्री के खिलाफ FIR करने से रोका जा रहा है। राजद ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि बिहार के एक अपर मुख्य सचिव CM नीतीश कुमार और उनकी काल कोठरी के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सैंकड़ों पन्नों के ठोस साक्ष्य सहित FIR दर्ज कराने थाने पहुंचे है लेकिन उनका FIR नहीं लिया जा रहा है। राजद ने पूछा कि जब मुख्यमंत्री ने कुछ गलत नहीं किया तो फिर FIR से क्यों डरे हुए है?

वहीं तेजस्वी ने इस मामले को शर्मनाक बताते हुए कहा है कि बिहार में एक अपर मुख्य सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी को FIR दर्ज कराने के लिए तरसना पड़ रहा है। बिहार में आप गवर्नेंस की बस कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि अधिकारी पिछले 5-6 घंटों से थाने में बैठे हैं लेकिन उनकी एफआईआर दर्ज नहीं हो रही है।

तेजस्वी ने कहा कि हमने नहीं देखा कि इस तरह से मुख्यमंत्री पर आरोप लगता हो और तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा हो, शिकायत दर्ज़ नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि शिकायत दर्ज़ कर लीजिए फिर पता चल जाएगा की क्या मामला है। इसमें डर किस बात का है।

राजद ने आरोप के साथ जिस खबर को साझा किया है उसके अनुसार BSSC के पूर्व अध्यक्ष और सीनियर अधिकारी सुधीर कुमार पटना के एससी एसटी थाने में कई घंटों तक अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए बैठे रहे लेकिन थाना अध्यक्ष से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि सुधीर कुमार नीतीश कुमार और उनके प्रधान सचिव के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए पहुंचे थे।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुधीर कुमार बिहार कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन पर साल 2014 में इंटर स्तरीय पेपर लीक करने का आरोप लगा है। दोषी पाए जाने पर उन्हें साल 2017 में इससे निलंबित किया गया था।