बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और योगी आदित्य नाथ का संगठन हिंदू युवावाहिनी से मुकाबला करने के लिए एक संगठन का गठन किया है। तेजप्रताप यादव ने आरएसएस की तर्ज पर बिहार में धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ (डीएसएस) का गठन किया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र तेजप्रताप ने नए संगठन की घोषणा करते हुए कहा कि डीएसएस को पहले बिहार में और उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर फैलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि डीएसएस में हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी धर्मो के लोग शामिल होंगे। यह संगठन आरएसएस और योगी आदित्यनाथ के संगठन ‘हिंदू वाहिनी सेना’ का मुकाबला करने को तैयार है।
तेजप्रताप ने कहा, “डीएसएस आरक्षण के मुद्दे पर आरएसएस को खदेड़ देगा। आरक्षण हमारा जन्मसिद्घ अधिकार है। हम आरएसएस की मनमानी नहीं चलने देंगे।” बता दें कि आरएसएस लंबे समय से आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा किए जाने की मांग कर रहा है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बिहार चुनाव से पहले आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की जाने की बात कही थी। जिसे लेकर विपक्षी नेताओं ने संघ और बीजेपी पर तीखा हमला बोला था। एक कार्यक्रम के दौरान संघ के मनमोहन वैद्य ने भी आरक्षण को खत्म किए जाने की बात कही थी।
डीएसएस के गठन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तेजप्रताप को पहले आरएसएस का प्रशिक्षण लेने की सलाह दे दी। उन्होंने कहा, “तेजप्रताप को पहले आरएसएस की ट्रेनिंग लेनी चाहिए। उसके बाद कोई संगठन बनाने की बात करनी चाहिए। प्रशिक्षण लेने के बाद संगठन की असफलता का शक कम हो जाएगा। बिना प्रशिक्षण के असफलता का भय बना रहेगा।”
गौरतलब है कि वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिंदुत्ववादी संगठन आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद आरएसएस से जुड़े कुछ लोग जेल में बंद किए गए और कुछ ने नेपाल जाकर शरण ली थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आरएसएस की विचारधारा को महात्मा गांधी की हत्या के लिए जिम्मेदार मानते हैं। उनके इस आशय के बयान पर पुणे की अदालत में मानहानि का मुकदमा चल रहा है। नाथूराम गोडसे ने आरएसएस छोड़ने के बाद राष्ट्रपिता गांधी की हत्या की थी।