तमिलनाडु भाजपा नेता नैनार नागेंद्रन ने राज्य को दो हिस्सों में बटांने का सुझाव दिया। ये सुझाव ऐसे समय पर आया है जब डीएमके नेता ए राजा ने केंद्र से राज्य को स्वायत्तता देने की मांग कर चुके हैं और चेतावनी देते हुए कहा चुके कि केंद्र हमें अलग तमिल राष्ट्र की अपनी मांग पर पुर्नविचार करने के लिए मजबूर न करें।
गौरतलब है कि दक्षिण तमिलनाडु में राज्य सरकार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में नैनार ने कहा, मुझे एक आईडिया आया है। अगर हम तमिलनाडु को दो हिस्सों में बांट देते हैं, तो हम राज्य के लोगों के भलाई के लिए केंद्र से अधिक योजनाएं ला सकेंगे। अगर हम सत्ता में आते हैं, तो हम केंद्र से अधिक फंड भी ले सकते हैं।
कुछ दिनों पहले तमिलनाडु के नक्कल में मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की मौजूदगी में स्थानीय नेताओं से मुलाकात करते हुए ए राजा कुछ विवादित बयान दिए थे, राजा ने कहा था कि “हमें अलग देश की मांग करने के लिए मजबूर न करें। पार्टी के संस्थापक परियार अपने निधन कर लगातार एक ही मांग करते रहे, लेकिन डीएमके ने देश की एकता और अखंडता के नाते अपनी इन मांगों को किनारे कर दिया था।
आगे उन्होंने कहा कि हमारे सीएम एमके स्टालिन अन्नादुरई के रास्ते पर चल रहे हैं, केंद्र हमें परियार के रस्ते पर चलने के लिए मजबूर न करें। हमने अलग तमिलनाडु की मांग छोड़ दी है लेकिन हम राज्य की स्वायत्तता की मांग करते रहेंगे।
भाजपा नेता की इस मांग पर डीएमके ने हमला बोला है। डीएमके के प्रवक्ता टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि अगर राज्य को दो हिस्सों में बांटा जाता है तो राज्य में भाजपा को ही नुकसान होगा और वे चुनाव में जीती हुई चार सीटों को भी खो देंगे। अगर बंटवारा करना है तो उत्तर प्रदेश का कीजिए, वहां पर विधानसभा की 403 और लोकसभा की 80 सीटें हैं। इसके साथ ही डीएमके ने नागेंद्रन के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वे “भाजपा के अहंकार को दर्शाते हैं।”