तमिलनाडु के वरिष्ठ मंत्री और अन्नाद्रमुक नेता डिंडीगुल श्रीनिवासन ने दावा किया है कि शशिकला के डर से पार्टी नेताओं ने पिछले वर्ष जयललिता के स्वास्थ्य के बारे में झूठ बोला ताकि लोगों को यह विश्वास रहे कि उनकी हालत सुधर रही है। उन्होंने कहा किसी को भी बीमार मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति नहीं दी गयी। जो भी वहां आते शशिकला के रिश्तेदार उन्हें यह बताते कि वह (जयललिता) ‘‘ठीक’’ हैं। श्रीनिवासन ने मदुरै में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह जयललिता के स्वास्थ्य के बारे में झूठ बोलने के लिए अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं और जनता से क्षमा मांगते हैं।
बता दें कि तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में 22 सितम्बर 2016 को भर्ती कराया गया था। संक्रमण और अन्य बीमारियों के लम्बे इलाज के बाद पिछले साल पांच दिसम्बर को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गयी थी। मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने हाल ही में जयललिता की मृत्यु की जांच के लिए एक आयोग की घोषणा की है।
श्रीनिवासन ने कहा ‘‘मैं आपसे माफी मांगता हूं। कृपया मुझे माफ कर दीजिये। हमने यह झूठ बोला कि अम्मा (जयललिता) सांबर, चटनी खा रही हैं, चाय पी रही हैं। यह झूठ इसलिए बोला ताकि आप इस विश्वास में रहें कि उनकी हालत सुधर रही है। असल में किसी ने भी अम्मा को इडली खाते हुए या चाय पीते हुए नहीं देखा। यह सब झूठ है।’’
उन्होंने दावा किया कि इसी तरह कुछ नेताओं के अस्पताल में जयललिता से मिलने की खबरें और उनके बयान कि उनकी (जयललिता) हालत सुधर रही है, गलत थे। उन्होंने दावा किया ‘‘हम एक समय शशिकला से भयभीत थे और हमने जयललिता के स्वास्थ्य के बारे में झूठ बोला।’’ श्रीनिवासन ने कहा कि शशिकला को परिस्थितियों की अनिवार्यता के कारण अंतरिम महासचिव चुना गया था। पार्टी की हाल में हुई महापरिषद की बैठक में शशिकला की अंतरिम महासचिव के रूप में नियुक्ति को रद्द कर दिया गया और उनके सभी निर्णयों को अवैध ठहराया गया।
Said so many things to make you believe she is healthy but truth is no one had seen her-Dindigul Sreenivasan, TN Min on Jayalalithaa's death pic.twitter.com/VNE4X0bZnB
— ANI (@ANI) September 23, 2017