तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक की सहयोगी डीएमडीके मनपसंद विधानसभा क्षेत्र और पर्याप्त सीटें नहीं दिये जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को गठबंधन से अलग हो गई। सीट बंटवारे को लेकर अन्नाद्रमुक के साथ तीन दौर लंबी चली बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकलने पर अभिनेता से नेता बने विजयकांत के नेतृत्व वाली डीएमडीके ने कहा कि वह गठबंधन से अलग हो रही है। पीएमके और भाजपा भी सत्तारूढ़ पार्टी की सहयोगी पार्टी हैं। विजयकांत ने एक बयान में कहा कि अन्नाद्रमुक के साथ रिश्ता तोड़ने का फैसला यहां पार्टी के जिला सचिवों की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। डीएमडीके एनडीए की अहम सहयोगी थी।

इसके तुरंत बाद, विजयकांत के भाई एल के सुधेश और बेटे विजया प्रभाकरन सहित डीएमडीके नेताओं ने एआईएडीएमके पर हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी के नेतृत्व में उनके उम्मीदवार आगामी चुनावों में अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएंगे। डीएमडीके ने अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन का हिस्सा बनकर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था। अन्नाद्रमुक ने पीएमके और भाजपा के साथ समझौता किया है और 234 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए दोनों पार्टियों को क्रमश: 23 और 20 सीटें दी हैं। भाजपा को कन्याकुमारी लोकसभा सीट भी दिया गया है, जहां उपचुनाव होने वाला है।

मीडिया कर्मियों से बात करते हुए, सुदेश ने कहा कि आज उन सभी के लिए यह दीपावली है। “अन्नाद्रमुक का सभी निर्वाचन क्षेत्रों में जमानत जब्त हो जाएगी। केपी मुनुसामी (AIADMK के वरिष्ठ नेता) पीएमके के स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे थे” अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन के एक अन्य सहयोगी पीएमके ने हाल ही में अपने सीट-बंटवारे के सौदे को सील कर दिया और डीएमडीके को कुछ सीटें आवंटित की थी।

2016 के चुनाव में डीएमडीके वाम और दलित पार्टियों के साथ तीसरे मोर्चे का हिस्सा था, इसने विपक्षी वोटों को विभाजित करके एआईएडीएमके को जीतने में मदद की थी। 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले इसने एआईएडीएमके और बीजेपी के साथ गठबंधन किया। इस बार पार्टी कम से कम 25 सीटें चाहती थी।

डीएमडीके कार्यकर्ताओं ने चेन्नई स्थित पार्टी मुख्यालय में गठबंधन छोड़ने के फैसले पर पटाखे फोड़कर जश्न मनाया। विजया प्रभाकरन ने कुड्डलोर के पास पन्रुती में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित किया। उत्साहित भीड़ के सामने अपनी पहली सार्वजनिक उपस्थिति में प्रभाकर ने सीएम पलानीस्वामी पर हमला किया।

उन्होंने कहा, “हम यहां खेल शुरू कर रहे हैं। इसके बाद यह भी न सोचें कि हम गठबंधन का हिस्सा होंगे। कैप्टन (विजयकांत) हमेशा एक दाता रहा है, वह कभी भी अंतिम छोर पर नहीं रहा।

उधर, एआईएनआरसी ने एआईएडीएमके और बीजेपी के साथ गठबंधन किया है। यह 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। फिलहाल सीएम का चेहरा बाद में तय किया जाएगा।