स्वराज अभियान ने अपने गठन के एक साल पूरा होने और दिल्ली में अपने संगठन के नए कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर भी अपने को नए राजनीतिक संगठन के रूप में घोषित नहीं किया है। स्वराज अभियान दिल्ली नगर निगम के उप चुनाव भी नहीं लड़ेगा। प्रयोग के तौर पर केवल एक वार्ड में एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन करेगा।
पंजाब विधानसभा चुनावों में उतरने का फैसला भी चुनाव की घोषणा के बाद ही किया जाएगा। फिलहाल स्वराज अभियान देश भर में संगठन को मजबूत करने में लगा हुआ है। यह जानकारी स्वराज अभियान के सस्ंथापक प्रो आनंद कुमार, योगेंद्र यादव और अजीत झा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में दी।
मध्य दिल्ली के ईस्ट पटेल नगर में स्वराज अभियान ने अपना नया कार्यालय खोला है। इस मौके पर देश भर से स्वराज अभियान से जुड़े कार्यकर्ता आए हुए थे। कार्यकर्ताओं को काफी उम्मीद थी कि आज एक नई पार्टी के गठन की घोषणा कर दी जाएगी। लेकिन उन्हें अभियान की ओर से बताया गया कि देश के 117 जिलों में संगठन का गठन हो गया है।
15 जुलाई तक करीब 250 जिलो में संगठन का गठन हो जाएगा। जिले, प्रदेश के बाद राष्ट्रीय संगठन बनाया जाएगा। जब वह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो संगठन को राजनीति की ओर ले जाने के बारे में फैसला किया जाएगा। अभी तक करीब 25 हजार लोग स्वराज अभियान के सदस्य बन चुके हैं।
इस मौके पर प्रो आनंद कुमार ने दावा किया कि उनके आंदोलन की वजह से ही किसान आंदोलन सफल रहा है। सरकार भूमि अधिग्रहण बिल के मामले में झुकी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे लोगों को एक साल पहले तब झटका लगा, जब इंडिया अगेंस्ट करप्शन समाप्त हो गया और वह लड़ाई लड़ रहे लोगों में निराशा फैल गई।
योगेंद्र यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने वालों को एकजुट किया जाएगा। वे चुनावों में टिकटें बेचने वालों का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम के उप चुनाव में वे एक प्रयोग कर रहे हैं। उस प्रयोग के क्या नतीजे निकलेंगें, उसके बाद ही राजनीति को लेकर नए फैसले किए जाएंगे।

