सरकार ने बताया कि एक जनवरी 2016 से शहरी विकास मंत्रालय एक सर्वेक्षण शुरू करने जा रहा है जिसके आधार पर स्वच्छता के दृष्टिकोण से 75 शहरों की रैकिंग की जाएगी। लोकसभा में टी राधाकृष्णन और मनोज राजोरिया के प्रश्न के उत्तर में शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इन 75 शहरों में 53 शहर ऐसे होंगे जिसकी आबादी 10 लाख या उससे अधिक है और इनमें राज्यों की राजधानियां भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया की ओर से कराया जाएगा। इनमें उत्तर प्रदेश से आठ शहर शामिल है जिनमें लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मेरठ, इलाहाबाद, गाजियाबाद, नोएडा और आगरा शामिल हैं। बिहार से केवल पटना, पांजाब से अमृतसर और लुधियाना, हरियाणा से फरीदाबाद और गुड़गांव, पश्चिम बंगाल से कोलकाता, ओड़िशा से भुवनेश्वर और कटक, झारखंड से जमशेदपुर, रांची और धनबाद, गुजरात से पांच शहर अमदाबाद, बडोदरा, राजकोट, गांधीनगर, सूरत, राजस्थान से जयपुर, जोधपुर, कोटा, महाराष्ट्र से नवी मुंबई, वृहण मुंबई, नागपुर, पुणे, पिंपरी चिंचवाड, औरंगावाद, कल्याण डोंबीवली, नाशिक, ठाणे, वसई विरार शामिल हैं।
इसमें मध्यप्रदेश से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, कर्नाटक से बंगलुरु, मैसूर, हुबली और धारवार, केरल से कोच्चि, तिरुवनंतपुर और कोझीकोड, तमिलनाडु से चेन्नई, कोयंबटूर, मदुरै, तिरुचेरापल्ली, आंध्रप्रदेश में विजयवाडा और विशाखापत्तनम, तेलंगाना से हैदराबाद और वारंगल शामिल हैं। वेंकैया ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 1361.38 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।