पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में भड़की हिंसा के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष के नेता और बीजेपी के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीधा निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि राज्य में अनुच्छेद 355 लागू किया जाए और सेना को तैनात किया जाए ताकि आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
बंगाल की सड़कों पर लोगों की निजी संपत्तियों लूटे जाने का आरोप
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बंगाल की सड़कों पर लोगों की निजी संपत्तियों को आग के हवाले किया जा रहा है। सार्वजनिक वाहनों में तोड़फोड़ हो रही है और रेल व सड़क यातायात बाधित हो चुका है। पुलिसकर्मी घायल हो रहे हैं लेकिन राज्य सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने मांग की कि राज्य के हिंसा-ग्रस्त जिलों -मुर्शिदाबाद, बीरभूम, मालदा, हुगली, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना – में तुरंत अनुच्छेद 355 लागू किया जाए।
अधिकारी ने साफ कहा, “ममता बनर्जी की सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है। पुलिसकर्मी खुद को बचाने के लिए मस्जिदों में शरण ले रहे हैं। राज्य में संविधान के अनुसार शासन चलाने की कोई मंशा नहीं दिख रही। ऐसे में केंद्र को हस्तक्षेप करना ही होगा।”
मुर्शिदाबाद में कैसा है माहौल? वक्फ कानून को लेकर हिंसा के बाद पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च
मुर्शिदाबाद जिले के सुती में हालात उस वक्त बिगड़ गए जब जुमे की नमाज के बाद भीड़ सड़कों पर उतर आई और वक्फ कानून के विरोध में प्रदर्शन करने लगी। प्रशासन की निषेधाज्ञा के बावजूद जुलूस निकाला गया और राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया गया। जब पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। उन्होंने पुलिस पर पथराव किया, वैन में आग लगाई और बम जैसे विस्फोटक फेंके। जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
उधर मालदा में प्रदर्शनकारियों ने रेल ट्रैक पर धरना दे दिया, जिससे पूर्वी रेलवे की कई ट्रेन सेवाएं बाधित रहीं। हालात इतने बिगड़ गए कि जिला प्रशासन को सीमा सुरक्षा बल (BSF) से दखल की गुजारिश करनी पड़ी।
इस पूरे घटनाक्रम पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं, शुभेंदु अधिकारी का कहना है कि अगर केंद्र अब भी चुप रहा, तो बंगाल पूरी तरह अराजकता की ओर बढ़ जाएगा।